बीसीसीआई ने राज्य संघों की सदस्यता पर दिया स्पष्टीकरण

बोर्ड के प्रशासकों की समिति (सीओए) ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा है कि राज्य क्रिकेट संघों की सदस्यता को लेकर मीडिया ने कुछ तथ्यों को समझने में गलती की है। ज्ञात हो कि मंगलवार को कुछ मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि महाराष्ट्र क्रिकेट संघ और गुजरात क्रिकेट संघ को इनके राज्यों से बीसीसीआई का पूर्ण सदस्य चुन लिया गया है। बीसीसीआई ने एक बयान जारी कर कहा, "इस तरह की खबरें गलत हैं और इन्हें देखकर ऐसा लगता है कि 18 मार्च को बीसीसीआई की वेबसाइट पर जारी किए गए समझौता ज्ञापन और बीसीसीआई के नियम एवं कानून को गलत तरीके से समझा गया है।" मीडिया में ऐसी खबरें आईं कि मुंबई, विदर्भ, सौराष्ट्र और बड़ौदा को अब वोट करने का अधिकार नहीं होगा। बीसीसीआई ने इस मुद्दे को स्पष्ट करते हुए अपने संविधान के नियम 3(ए)(दो)बी के तहत आने वाली 30 नामों की सूची का हवाला दिया है, जिसमें संघों के नाम शामिल नहीं हैं, बल्कि राज्यों के नाम शामिल हैं। बयान में कहा गया है, "जिन राज्यों में बोर्ड के कई संबद्ध सदस्य हैं वहां पूर्ण सदस्यता हर साल बदली जाएगी। एक समय पर एक ही सदस्य अपने मत का प्रयोग कर सकेगा। यह बदलाव बीसीसीआई द्वारा बनाई गई नीति के तहत होगा।" इस नियम के आधार पर बीसीसीआई ने कहा है कि महाराष्ट्र और गुजरात की पूर्ण सदस्यता हर साल इन राज्यों में मौजूद संघों के बीच बदलती रहेगी। बयान में कहा गया है, "महाराष्ट्र और गुजरात की पूर्ण सदस्यता वार्षिक तौर पर इन राज्यों में मौजूद तीन सदस्यों के बीच बदली जाएगी। जिसके मुताबिक महाराष्ट्र क्रिकेट संघ, मुंबई क्रिकेट संघ और विदर्भ क्रिकेट संघ (इस क्रम के मुताबिक नहीं) को पारी-पारी से वोट देने का अधिकार मिलेगा।" बयान में कहा, "इसी तरह, गुजरात क्रिकेट संघ, सौराष्ट्र क्रिकेट संघ और बड़ौदा क्रिकेट संघ (इस क्रम के मुताबिक नहीं) को भी पारी-पारी से वोट करने का आधिकार मिलेगा।" --आईएएनएस

Edited by Staff Editor
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