भारतीय टीम का चैंपियंस ट्रॉफी में खेलना मुश्किल में पड़ सकता है

बीसीसीआई का रुतबा विश्व क्रिकेट में अब किसी से छुपा नहीं है और सब जानते हैं कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड विश्व क्रिकेट की सबसे धनी संस्था है। लेकिन जब से भारत के सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को पद से हटाया है तब से बोर्ड की हालत खराब है। ऐसे में दुबई में चल रही आईसीसी की मीटिंग में बीसीसीआई एक बड़ा फैसला ले सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने IDFC के एमडी और सीईओ विक्रम लिमाये को बीसीसीआई के सचिव अमिताभ चौधरी और खजांची अनिरुद्ध चौधरी के साथ इस मीटिंग में हिस्सा लेने भेजा है। हालांकि प्रतिनिधियों के बावजूद भारतीय क्रिकेट बोर्ड किसी भी एजेंडा को आगे नहीं बढ़ा सकती है। इस वजह से ये भी हो सकता है कि बीसीसीआई आखिरी समय में इंग्लैंड के होने वाले चैंपियंस ट्रॉफी से नाम वापस ले ले। पिछले कुछ समय से बीसीसीआई काफी तरह के कोर्ट समस्याओं को झेल रही है और इसी कारण से बोर्ड मीटिंग में अपने कुछ विचार नहीं रख सकता और न ही अपने किसी प्रस्ताव को आगे कर सकती है। बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष शशांक मनोहर अभी आईसीसी के अध्यक्ष हैं और वो आईसीसी में बिग 3 के वर्चस्व के खिलाफ हैं। बीसीसीआई के पास मौजूदा समय में 20.3% रेवेन्यु शेयर हैं जो घटकर 16-17% हो सकता है। अगर बीसीसीआई ने चैंपियंस ट्रॉफी से भारतीय क्रिकेट टीम का नाम वापस ले लिया तो फिर आईसीसी को काफी बड़ा झटका लग सकता है। भारतीय टीम को लेकर दर्शकों में खासा उत्साह रहता है और अगर गत विजेता टीम नहीं खेली तो फिर आयोजकों को बड़ा नुकसान हो सकता है। आईसीसी को बीसीसीआई के हालिया इरादों का अंदाजा तो जरुर होगा और अब देखना है कि वो इससे कैसे निपट पाती है। साथ ही ये भी इंतज़ार करना होगा कि क्या सच में भारतीय टीम इंग्लैंड में जून में होने वाले चैंपियंस ट्रॉफी में नहीं खेल पाएगी या इसका कोई उपाय निकाला जाएगा?

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