बीसीसीआई ने कोरोना वायरस के कारण पड़े वित्तीय असर के बाद किसी को नौकरी से निकालने या सैलरी काटने जैसा कदम नहीं उठाया है। बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने यह कहा है। आईपीएल नहीं होने से बीसीसीआई को नुकसान होगा लेकिन फ़िलहाल बोर्ड आईपीएल आयोजित कराने के लिए राह तलाश रहा है। भारतीय खिलाड़ियों को मिलने वाली राशि में भी कटौती नहीं की गई है।
एक रिपोर्ट के अनुसार बीसीसीआई कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने कहा कि हमने कोस्ट कटिंग की है इसलिए किसी को नौकरी से निकालने या सैलरी काटने जैसा कोई कदम नहीं उठाया गया है। उन्होंने कहा कि कुछ चीजों की कोस्ट काटने के बाद फिलहाल सब चीजें ठीक है इसलिए सैलरी आदि काटने की जरूरत नहीं है।
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बीसीसीआई की नजर आईपीएल पर
आईपीएल को लेकर हर दिन कोई न कोई चर्चा होती रहती है। बीसीसीआई को अभी उम्मीद है कि साल के अंत तक टूर्नामेंट आयोजित कराया जा सके। बोर्ड इसके लिए कुछ रणनीति पर काम भी कर रहा होगा अन्यथा टूर्नामेंट पूरी तरह रद्द होने की घोषणा अब तक कर दी गई होती। हालांकि आईपीएल का आयोजन इस साल करना इतना आसान भी नहीं होगा। भारत में हर दिन कोरोना के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं, ऐसे में भारत सरकार भी किसी टूर्नामेंट का आयोजन कराना उचित नहीं समझेगी।
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा था कि आईपीएल नहीं होने से बोर्ड को करीब 4000 करोड़ रूपये का नुकसान होगा। आईपीएल आयोजन की स्थिति पर उन्होंने यही कहा था कि इन हालातों में टूर्नामेंट संभव नहीं है। हालांकि फ्रेंचाइजी मालिक और ब्रॉडकास्टर के साथ खिलाड़ियों का भी नुकसान होगा। विश्व क्रिकेट फ़िलहाल थमा हुआ है। हर कोई यही चाहता है कि जल्दी ही क्रिकेट बहाल हो और मैदान पर खेल हो। दर्शकों को भी लाइव मैच देखे हुए तीन महीने का समय हो गया है। हालांकि अगले महीने इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच टेस्ट सीरीज के साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की शुरुआत हो जाएगी। देखना होगा कि अन्य देशों में कोरोना वायरस का प्रकोप कब तक खत्म होकर होगा और वहां क्रिकेट की बहाली कैसे होगी।