अभी कुछ दिन पहले ही भारतीय टीम के मुख्य कोच का चयन करने वाली क्रिकेट सलाहकार समिति के सदस्यों के खिलाफ हितों के टकराव मामले में नोटिस जारी किया गया है। यह नोटिस बीसीसीआई के एथिक ऑफिसर डीके जैन की ओर से भेजा गया है। पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव की अध्यक्षता वाली इस समिति ने अगस्त में रवि शास्त्री को भारतीय टीम के मुख्य कोच के रूप में चुना था।
मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता की शिकायत पर समिति के अध्यक्ष कपिल देव के अलावा अन्य दो सदस्य अंशुमान गायकवाड़ और शांता रंगास्वामी सभी के खिलाफ हितों के टकराव मामले में नोटिस जारी किया गया है। जिस पर उन्हें 10 अक्टूबर तक जवाब देना होगा। संजीव गुप्ता ने इन तीनों के खिलाफ एक समय में एक से अधिक पदों पर रहने का आरोप लगाया है।
जबकि बीसीसीआई के संविधान के मुताबिक कोई भी व्यक्ति एक समय पर एक से अधिक पदों पर नहीं रह सकता है। शिकायत में यह आरोप लगाया गया है कि 1983 में भारत को विश्वकप दिलाने वाले कपिल देव एक कमेंटेटर के अलावा फ्लडलाइट कंपनी के मालिक, इंडियन क्रिकेटर्स एसोसिएशन के साथ सीएसी में भी अहम भूमिका में हैं।
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जबकि समिति के अन्य सदस्य अंशुमान गायकवाड सीएसी में सदस्य होने के साथ ही एक एकेडमी के प्रमुख और बीसीसीआई से मान्यता प्राप्त एक समिति के सदस्य भी हैं। वहीं भारतीय महिला टीम की पूर्व कप्तान शांता रंगास्वामी भी सीएसी के अलावा आईसीए में भी अहम भूमिका में हैं। संजीव गुप्ता की ओर से की गई इस शिकायत पर अब इस समिति के सदस्यों को 10 अक्टूबर तक अपना जवाब दाखिल करना होगा।
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