बीसीसीआई ने 2019 से शुरू होने वाले आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का खुलकर विरोध किया है। आईसीसी ने अपने दो दिवसीय वर्किंग ग्रुप मीटिंग के दौरान इस टूर्नामेंट के संरचना के बारे में चर्चा करने की सोची थी, लेकिन बीसीसीआई ने इसके खिलाफ विरोध किया है। अब ऐसे में आईसीसी शायद ही 2019 में इस टूर्नामेंट की शुरुआत कर पाए। बीसीसीआई के एक सूत्र ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया से बात करते हुए कहा," जब अफ़ग़ानिस्तान और आयरलैंड के टेस्ट दर्जे को हासिल करने पर अभी भी सवाल है, ऐसे में आईसीसी कैसे नाइन प्लस थ्री की संरचना के साथ इस टूर्नामेंट की शुरुआत कर सकती है। आईसीसी को लगता है कि फिलहाल कमज़ोर दिख रही बीसीसीआई इस बात का विरोध नहीं करेगी।" टेस्ट मैचों को बढ़ावा देने के लिए आईसीसी ने टेस्ट चैंपियनशिप को शुरू करवाने की कोशिश की थी। दो देशों के बीच होने वाली सीरीज टेस्ट क्रिकेट का ज्यादा भला नहीं कर रहे और ऐसे में ये टूर्नामेंट काफी मददगार साबित हो सकता है। आईसीसी ने टेस्ट चैंपियनशिप को दो डिवीज़न में बांटने की बात की थी लेकिन भारत सहित बांग्लादेश और ज़िम्बाब्वे ने इसका विरोध किया था। 2019 में शुरू होने वाले टूर्नामेंट को नाइन प्लस थ्री के संरचना में खेला जाना था और अफ़ग़ानिस्तान जैसे देशों के पास टेस्ट दर्ज़ा नहीं होने के बावजूद उन्हें खेलने का मौका दिया जाता। गौरतलब है कि इस मुद्दे के अलावा पिछले कुछ समय से बीसीसीआई और आईसीसी ने बीच संबंध अच्छे नहीं रहे हैं और इसी वजह से काफी गहमागहमी का माहौल है। बीसीसीआई ने अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं कि वो मौजूदा टेस्ट कैलेंडर में कोई छेड़छाड़ नहीं चाहते हैं और ऐसे में टेस्ट चैंपियनशिप का आयोजन खटास में पड़ सकता है। इसके अलावा आईसीसी में 'बिग थ्री' - भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के वर्चस्व पर भी काफी सवाल उठे हैं और अब देखना है कि रेवेन्यु शेयर को अब किस तरह से बांटा जाता है और क्या इससे बीसीसीआई का विश्व क्रिकेट में दबदबा कम हो जाएगा।