बीसीसीआई को दिलीप ट्रॉफी में विराट कोहली के खेलने की उम्मीद

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का इस वर्ष मिनी-आईपीएल आयोजित करने का काम अधर में लटका हुआ है, ऐसे में बोर्ड ने उम्मीद जताई है कि भारतीय टेस्ट कप्तान विराट कोहली समेत टीम के प्रमुख खिलाड़ी दिलीप ट्रॉफी में भाग लेंगे जिसमें पहली बार गुलाबी गेंद का प्रयोग होगा और मुकाबला फ्लड लाइट्स में खेला जाएगा। अपने उच्च इतिहास के बावजूद यह टूर्नामेंट बड़ी मात्रा में दर्शकों की संख्या मैदान में जुटाने के लिए संघर्ष कर रहा है, ऐसे में बीसीसीआई को उम्मीद है कि भारतीय टीम के खिलाड़ियों के खेलने से इसमें सुधार होगा तथा गुलाबी गेंद से खेलने का खिलाड़ियों को अनुभव भी मिल जाएगा जो अपने पहले डे-नाईट टेस्ट खेलने के बहुत करीब है। बोर्ड अगस्त के अंत में सितंबर की शुरुआत में दिलीप ट्रॉफी के आयोजन की योजना बना रहा है, जो टीम को न्यूजीलैंड के खिलाफ गुलाबी गेंद से टेस्ट खेलने के लिहाज से आदर्श ट्रेनिंग का माहौल दे सकता है। भारत और न्यूजीलैंड के बीच ईडन गार्डन्स पर होने वाला टेस्ट गुलाबी गेंद से होने की उम्मीद थी। वर्तमान स्थिति यह है कि यह टेस्ट नहीं होगा। मगर अंतिम समय में फैसला बदला जाएगा? यह समय पर ही निर्भर करेगा। बीसीसीआई अधिकारी के हवाले से टाइम्स ऑफ इंडिया ने कहा, 'अगर कोहली इस वर्ष दिलीप ट्रॉफी में खेलते दिखाई दे तो आश्चर्य में मत पड़ जाइएगा। भारत के पहले गुलाबी गेंद से डे-नाईट टेस्ट के आयोजन से पूर्व खिलाड़ियों के पास गुलाबी गेंद से अनुभव हासिल करने का अच्छा मौका होगा।' भारतीय टीम फिलहाल वेस्टइंडीज में चार टेस्ट खेलने के लिए गई हुई है। भारत और वेस्टइंडीज का पहला मैच 21 जुलाई से खेला जाएगा। भारतीय टीम को इसके बाद बड़ा घरेलू सत्र खेलना है। विराट कोहली के नेतृत्व वाली टीम को घर में 13 टेस्ट खेलना है, जिसकी शुरुआत न्यूजीलैंड के खिलाफ होगी। फिर उसे इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया के साथ सीरीज तथा बांग्लादेश के खिलाफ एक टेस्ट खेलना है। एक तरफ ऐसा कहा जा रहा है कि वेस्टइंडीज दौरे के बाद भारतीय टीम के खिलाड़ी आराम करेंगे वहीं बोर्ड का मानना है कि खिलाड़ियों को दुलीप ट्रॉफी खेलना चाहिए क्योंकि उसका लक्ष्य भारत में गुलाबी गेंद को लोकप्रिय बनाना है। 55 वर्षीय पुराने टूर्नामेंट (दिलीप ट्रॉफी) के आयोजन के लिए बीसीसीआई को स्थान तय करना है। अभी उसकी योजना इसे साउथ जोन में कराने की है जिसमें हैदराबाद और विशाखापत्तनम संभावित जगह है जबकि इंदौर और जयपुर को जरुरत के रूप में विकल्प में रखा जा सकता है। बोर्ड अधिकारी ने कहा, 'बीसीसीआई ने आयोजन के लिए अभी किसी स्थान को शोर्टलिस्ट नहीं किया है। टूर्नामेंट को साउथ जोन में आयोजित कराने की योजना है। अगर बोर्ड को अधिक स्थानों की जरुरत लगी तो वह सेंट्रल जोन को भी जोड़ सकता है।