बीसीसीआई (BCCI) को रोजर बिन्नी (Roger Binny) के रूप में नया अध्यक्ष मिला है, जिन्होंने सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) की जगह ली। बोर्ड में बदलाव हुए और इसके बाद से चर्चा है कि ऑस्ट्रेलिया में चल रहे टी20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup) के बाद चयन पैनल में भी बदलाव की संभावना है।
यह किसी से छिपा नहीं है कि चेतन शर्मा और उनके पैनल के प्रदर्शन व चयन में निरंतरता से ज्यादा लोग प्रभावित नहीं हैं। अगर भारतीय टीम टी20 वर्ल्ड कप में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाती तो चेतन शर्मा पर गाज गिर सकती है।
बीसीसीआई के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'बहुत कुछ इस पर निर्भर है कि टी20 वर्ल्ड कप में भारत कैसा खेलेगा। चेतन शर्मा से इस समय ज्यादा लोग खुश नहीं है। मगर बीसीसीआई जब तक नई क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) नहीं चुन लेता, तब तक वो अपने पद पर बने रहेंगे।'
जहां चेतन शर्मा के लिए आगे आसान समय नहीं रहने वाला है, वहीं ईस्ट जोन के देबाशीष मोहंती को कुछ समय में किसी और के लिए जगह बनानी पड़ेगी क्योंकि वो जूनियर और सीनियर चयन पैनल में चार साल पूरे कर लेंगे।
बीसीसीआई अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को अपना नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, 'अबे कुरुविला ओर देबू मोहंती पर एक ही नियम लागू है। 2019 की शुरूआत में देबू को सीओए ने जूनियर पैनल में शामिल किया था। वहां उन्होंने दो साल काम किया। देवांग गांधी के कार्यकाल पूरा करने के बाद देबू को सीनियर पैनल में भेजा गया।'
कुछ महीनों में मोहंती अपने चार साल पूरे कर लेंगे तो उन्हें जाना होगा। सवाल यह है कि उन्हें कार्यकाल पूरा होने से पहले ही कहीं जिम्मेदारियों से मुक्त न कर दिया जाए। हालांकि, ईस्ट में ज्यादा योग्य टेस्ट क्रिकेटर्स नहीं, जिन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी जाए। इस भूमिका में दो नाम जो फिट बैठते हैं, वो हैं पूर्व ओपनर शिव सुंदर दास और दीप दासगुप्ता।
इसी प्रकार कुरुविला बीसीसीआई के ऑपरेशनल काम की तरफ बढ़ चुके हैं क्योंकि वो चार साल पूरे कर चुके हैं (जूनियर पैनल में तीन साल शामिल), वेस्ट जोन चयन सीट खाली है, जिससे भरने की जरूरत है। सुनील जोशी एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं, जो गैर प्रदर्शन के बावजूद बरकरार रह सकते हैं।