भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने टीम इंडिया के अगले गेंदबाजी कोच के रूप में ज़हीर खान के नाम को मंजूरी नहीं दी है क्योंकि बाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने भारी रकम की मांग की थी। टाइम्स ऑफ़ इंडिया के सूत्रों के मुताबिक ज़हीर खान की भारी रकम की मांग तथा शर्तों से बीसीसीआई का मेल नहीं हो सका। मौजूदा भारतीय कोचिंग स्टाफ में अनिल कुंबले प्रमुख कोच, संजय बांगर बल्लेबाजी कोच और रामकृष्णन श्रीधर फील्डिंग कोच के रूप में जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। ज़हीर खान के गेंदबाजी कोच के रूप में जुड़ने से स्टाफ पूरा हो जाता और भारतीय टीम को नई दिशा भी मिल जाती। हालांकि, कुछ ऐसे पहलू रहे जिसकी वजह से यह समझौता सफल नहीं हुआ। पहला तो ज़हीर खान को 100 दिन के काम के लिए 4 करोड़ रुपए की मांग करना जो बीसीसीआई को सही नहीं लगा। फिर ऐसा लगता है कि ज़हीर खान पूर्ण-कालिक समय के लिए इस भूमिका को नहीं निभा पाएंगे। सूत्रों के अनुसार बीसीसीआई जहीर को पूर्णकालिक तेज गेंदबाजी कोच नियुक्त करना चाहता था, लेकिन बाएं हाथ का यह पूर्व तेज गेंदबाज पूर्णकालिक तौर पर टीम के साथ जुड़ने को राजी नहीं था। इसके अलावा जहीर ने वर्ष में 100 दिन के कार्यकाल के लिए 4 करोड़ रुपए की मांग की थी जो बोर्ह के अनुसार बहुत महंगी डील थी। इसके चलते बीसीसीआई ने जहीर को अनुबंधित करने की योजना ठंडे बस्ते में डाल दी। बीसीसीआई सूत्रों के अनुसार बोर्ड अभी तेज गेंदबाजी कोच नियुक्त करने की जल्दी में नहीं है, क्योंकि टीम इंडिया को अगले साल की शुरुआत तक भारत में ही खेलना है। वैसे बोर्ड का एक धड़ा यह भी चाहता है कि तेज गेंदबाजी कोच की नियुक्ति जल्दी कर दी जाए ताकि उसे गेंदबाजों के साथ तालमेल बिठाने का मौका मिल सके। जहीर पहले भी टीम इंडिया के कई शिविरों में तेज गेंदबाजों को मार्गदर्शन प्रदान कर चुके हैं। 92 टेस्ट और 200 वन-डे खेल चुके जहीर ने पिछले सत्र में आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स की कमान संभाली थी। वे इसके अलावा टीम के गेंदबाजी मेंटर भी थे। जहीर इस भूमिका को 2017 में भी जारी रखना चाहते हैं, इसके चलते वे बीसीसीआई में पूर्णकालिक दायित्व संभालने को तैयार नहीं है।