अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों के बाद भारतीय घरेलू क्रिकेटरों का टूर्नामेंट भी शुरू होने वाला है। 10 जनवरी से शुरू होने वाले सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के लिए बीसीसीआई (BCCI) ने कड़े नियम बनाए हैं। कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए नियमों के बारे में राज्य संघों को बीसीसीआई ने पत्र लिखा है। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (Syed Mushtaq Ali Trophy) में खेलने वाले सभी खिलाड़ियों और स्टाफ के लिए ये नियम लागू होंगे। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के मैचों में दर्शकों को आने की अनुमति नहीं होगी।
खिलाड़ियों को अपने होटल से बाहर जाने की इजाजत नहीं होगी और उनके ड्राइवर, कुक सहित अन्य तमाम स्टाफ के सदस्य बाहरी सम्पर्क में नहीं आएँगे। इससे पहले सभी क्वारंटीन प्रक्रिया का पालन करेंगे। इसके बाद सभी टीमों के खिलाड़ी और स्टाफ के सदस्य बायो बबल का हिस्सा बनेंगे और किसी को इसे तोड़कर घर जाने की अनुमति नहीं होगी।
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के लिए नियम
ट्रेनिंग के दौरान बायो बबल से बाहर का कोई व्यक्ति गेंद को हाथ लगाता है, तो खिलाड़ी को देने से पहले स्टाफ सदस्य इसे सैनिटाइज करेगा और बाद में खिलाड़ी के पास गेंद जाएगी। इसके अलावा गेंद पर लार का इस्तेमाल करने पर पेनल्टी का प्रावधान किया गया है। ट्रेनिंग से लेकर मैच और होटल के स्थान के लिए बायो बबल बनाया जाएगा। सभी खिलाड़ी छह दिन क्वारंटीन रहेंगे और आरटीपीसीआर टेस्ट से गुजरेंगे।
बिना डॉक्टर की अनुमति के कोई भी खिलाड़ी बायो बबल से बाहर नहीं जा सकेगा। कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही बायो बबल में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। इसके अलावा कोरोना नियमों का उल्लंघन करने वाले खिलाड़ी और स्टाफ पर बीसीसीआई अनुशासनात्मक कार्रवाई भी करेगी।
गौरतलब है कि आईपीएल में बीसीसीआई ने शानदार कोरोना नियमों और मैनेजमेंट से टूर्नामेंट का सफल आयोजन कराया था। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल सकता है।