भारतीय टीम का कोच बनने के लिए हिन्दी ज़रूरी नहीं: बीसीसीआई

बीसीसीआई ने हाल ही में दिए गए भारतीय टीम के कोच पद के एड पर सफाई दी है, जिसमे यह लिखा हुआ था की जो भी भारत के कोच के पद के लिए अपना नामांकन भरेगा, उसे हिन्दी और क्षेत्रीय भाषाओ का अच्छा ज्ञान होना चाहिए। जो 9 मापदंड बीसीसीआई ने अपने एड में दिए है, उसमे यह चीज़ सीधे-सीधे तरीके से कही गई हैं। इससे तो यही बात साफ़ होती है की बीसीसीआइ कोच के लिए कोई भारतीय उम्मीदवार ही देख रही है। हाल ही में बीसीसीआई के सेक्रेटरी बने अजय शिरके ने सफाई देते हुए कहा,"इसमे कोई बड़ी बात नहीं है, हिन्दी सीखने में कोई ज्यादा समय नहीं लगता, या फिर खिलाड़ियों को इंग्लिश सीखने में। अगर किसी को हिन्दी न आने पर कम मार्क्स मिल सकते है, तो वो किसी और एरिया में अच्छा हो सकता है। कोच बनने का मौका सबके पास है। "हमारा पूरा काम पारदर्शी होगा। इसमे किसी से कुछ छुपने वाली बात नहीं है हैं। हमारे पैनल में पूर्व क्रिकेटर्स शामिल होंगे, जोकि सारे उम्मीदवारों के एप्लिकेशन फॉर्म को देखेंगे। अंत में हम कुछ उच्च अधिकारी सबसे सलाह लेकर सबसे अच्छे 3-4 उम्मीदवार चुनेंगे। जो भी कोच के लिए अपनी उम्मीदवारी भरेगा, उसे किसी न किसी इंटरनेशनल टीम को कोच करने का अनुभव हो, या फिर फ़र्स्ट क्लास लेवल पर, या आईसीसी की मान्यता वाली टीम को कोच किया हो। अगर इस बात पर गौर करें तो, जिन दो खिलाड़ियों का नाम भारत के कोच के लिए सबसे ऊपर है, राहुल द्रविड़ और डेनियल विटोरी इस मापदंड पर खरा नहीं उतरते। सभी उम्मीदवारों के पास सर्टिफिकेट होना चाहिए की उसे किसी भी मान्यता वाली संस्था की तरफ से क्वालीफाइड होना चाहिए। इन सबको देखते हुए तो यहीं लगता है कि बीसीसीआई इस पद के लिए काफी मेहनत कर रही है। इससे इंडियन क्रिकेट को काफी फायदा मिलेगा। लेखक- अभिनव, अनुवादक- मयंक महता

Edited by Staff Editor
Sportskeeda logo
Close menu
Cricket
Cricket
WWE
WWE
Free Fire
Free Fire
Kabaddi
Kabaddi
Other Sports
Other Sports
bell-icon Manage notifications