भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने पिछले कुछ समय से 'यो यो टेस्ट' को लेकर अहम फैसले लिए और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के लिए सभी खिलाड़ियों के सामने एक चुनौती पेश की है। यह चुनौती अब और भी ज्यादा कठिन हो जाएगी क्योंकि बीसीसीआई ने टीम के ट्रेनर और कोचिंग स्टाफ से सलाह लेकर 'यो यो टेस्ट' को खिलाड़ियों की फिटनेस में सुधार लाने के लिए वर्तमान समय में सीमा 16.1 से बढाकर तय समय में 16.5 करने का फैसला कर लिया है। एक निजी अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार भविष्य में 'यो यो टेस्ट' का मापदंड 16.5 से बढ़ाकर 17 तक करने का विचार किया जा रहा है। यह विचार खिलाड़ियों की फिटनेस में ज्यादा सुधार लाने के लिए किया जा रहा है। पिछले वर्ष भारत के पूर्व कोच अनिल कुंबले के कहने पर बीसीसीआई ने 'यो यो टेस्ट' को सभी खिलाड़ियों के लिए पास करना अनिवार्य कर दिया था। इस टेस्ट को पास करने में कई दिग्गज खिलाड़ियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा था लेकिन 16.1 के मापदंड को हाल ही में भारतीय टीम से बाहर चल रहे युवराज सिंह और सुरेश रैना ने पार कर लिया था लेकिन नए मापदंड के मुताबिक वह दोबारा से 'यो यो टेस्ट' में हिस्सा लेते हुए नजर आयेंगे। भारतीय टीम की तरफ से 'यो यो टेस्ट' में सबसे अव्वल दर्जे पर कप्तान विराट कोहली के साथ मनीष पांडे और हार्दिक पांड्या रहे हैं। विराट कोहली ने 21, मनीष पांडे ने 19.2 और हार्दिक पांड्या ने 19 के स्कोर के साथ 'यो यो टेस्ट' पास किया है। दरअसल 'यो यो टेस्ट' खिलाड़ियों की फिटनेस को मापने का एक तरीका है, जिसमें खिलाड़ियों को 20 मी. की दौड़ के अधिकत्तम राउंड तय समय में पुरे करने होते है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी टीमों के 'यो यो टेस्ट' के लिए अलग अलग मापदंड रखे गए है। भारत के लिए यह सीमा 16.1 थी जो अभी 16.5 होगी, तो पाकिस्तान के लिए 'यो यो टेस्ट' की सीमा 17.5 है और न्यूज़ीलैंड के लिए 20.1 रखी गई है।