भारतीय घरेलू क्रिकेट के सबसे बड़े टी-20 टूर्नामेंट सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में बीसीसीआई बदलाव करने जा रही है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड इसे इंटर स्टेट से इंटर ज़ोनल प्रतियोगिता में तब्दील करने का इरादा कर चुका है। बीसीसीआई के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने कहा कि ऐसा करने से दर्शकों को भी मज़ा आएगा साथ ही साथ इससे क्रिकेट का स्तर भी सुधरेगा। इस टूर्नामेंट की मौजूदा सरंचना के मुताबिक़ शुरुआती चरण में राज्यों की टीमों को अलग अलग ग्रुप में बांट दिया जाता है। उसके बाद टॉप-2 टीमों को दो ग्रुप में बांटा जाता है और फिर इनमें से दो टॉप टीमों को फ़ाइनल का टिकट मिलता है। बीसीसीआई के नए प्लान के मुताबिक़ राज्य की टीमें एक दूसरे के ख़िलाफ़ ज़ोनल स्तर पर भिडेंगी और राउंड रॉबिन मुक़ाबलों के बाद हर ज़ोन में एक कॉमन टीम होगी। पीटीआई के साथ बातचीत के दौरान अनुराग ठाकुर ने बताया कि भारतीय क्रिकेट को बेहतर बनाने के लिए पहल किए जा रहे हैं। ''इस सीज़न में 1882 दिनों तक क्रिकेट खेली जाएगी, लिहाज़ा बीसीसीआई घरेलू स्तर पर भी क्रिकेट को बेहतर बनाने के लिए गंभीर है। हमने ये फ़ैसला किया है कि रणजी ट्रॉफ़ी के मैच तटस्थय स्थानों पर कराए जाएं, दुलिप ट्रॉफ़ी पिंग बॉल से और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफ़ी को भी इंटर स्टेट से इंटर ज़ोनल बना रहे हैं। इसका एक ही लक्ष्य है कि घरेलू क्रिकेट के स्तर को भी सुधारा जाए और बेहतर बनाया जाए। इस पर हम तेज़ी से काम कर रहे हैं और जल्द ही इसे इम्पलेमेंट किया जाएगा।" : अनुराग ठाकुर दुलिप ट्रॉफ़ी में भी बदलाव किया गया है और अब इस टूर्नामेंट में टीमों का चयन राष्ट्रीय चयनकर्ता करेंगे। साथ ही साथ सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफ़ी ऐसे समय में करने की कोशिश की जा रही है ताकि आईपीएल फ़्रैंचाईज़ियों की भी नज़र इस टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों पर पड़ सके।