बीसीसीआई ने चैंपियंस ट्रॉफी से भारत के हटने पर दिखाई थोड़ी नरमी

बीसीसीआई के मौजूदा सचिव अमिताभ चौधरी ने उन रिपोर्ट का खंडन किया है, जिसमें कहा गया है कि आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम का हिस्सा लेना मुश्किल है। ऐसी खबरें हैं कि आईसीसी के साथ रेवेन्यू शेयर को लेकर चल रहे विवाद के कारण बीसीसीआई जून में इंग्लैंड में होने वाले चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम को हिस्सा लेने से रोक सकती है। आईसीसी के नए प्लान के मुताबिक उन्हें 'बिग थ्री' (भारत, ऑस्ट्रेलिया एवं इंग्लैंड) के वर्चस्व को कम करना है और रेवेन्यू शेयर को अभी सदस्य देशों में सही तरीके से बाँटना है। बीसीसीआई इसी चीज़ के विरोध में है और उन्हें आईसीसी का ये नया विचार पसंद नहीं आया है। बुधवार को बीसीसीआई की स्पेशल जनरल मीटिंग के बाद ऐसे अनुमान हैं कि दुबई में इस महीने के अंत में होने वाली आईसीसी की मीटिंग में राहुल जोहरी और अमिताभ चौधरी हिस्सा लेंगे और उस मीटिंग के बाद ही कुछ बड़ा फैसला लिया जाएगा। 2014 में जब एन श्रीनिवासन बीसीसीआई के अध्यक्ष थे, तब आईसीसी में बिग थ्री मॉडल को लागू किया गया था। इस बड़े फैसले से आईसीसी के रेवेन्यू का बड़ा हिस्सा भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के पास जा रहा था। हालांकि जब शशांक मनोहर आईसीसी के अध्यक्ष बने, तो उन्होंने इस मॉडल का विरोध किया और नवम्बर 2015 में जिम्मेदारी सँभालने के बाद से ही वो इस मॉडल को हटाना चाह रहे थे। 24-27 अप्रैल तक आईसीसी की मीटिंग है और उसमें इस मॉडल को लेकर बड़ा फैसला लिया जा सकता है। बीसीसीआई चाहती है कि कम से कम जून तक इसपर कोई फैसला नहीं लिया जाए, ताकि भारत के चैंपियंस ट्रॉफी में हिस्सा लेने में कोई रोक न हो। वैसे अगर इस मॉडल से कोई छेड़छाड़ होती है, तो फिर बीसीसीआई भी एक बड़ा फैसला ले सकती है। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या इन सब के बीच चैंपियंस ट्रॉफी की गत विजेता भारतीय टीम आईसीसी के इस बड़े टूर्नामेंट में हिस्सा ले पाएगी या नहीं?