गोवा पुलिस ने हाल ही में जीसीए के अध्यक्ष चेतन देसाई, सचिव विनोद फड़के और कोषाध्यक्ष अकबर मुल्ला को 3.13 करोड़ रूपये के घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किया था। इन तीनों पर आरोप है कि इन्होंने 2006-07 में बीसीसीआई द्वारा दिए गए चैक को कैश कराकर राज्य क्रिकेट संघ के फर्जी अकाउंट में वो राशि जमा करवाई थी। इस मामले के बाद बीसीसीआई ने राज्य संघों को भुगतान करने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। बीसीसीआई के सचिव अजय शिर्के के हवाले से लिखा, "सारा लेनदेन ऑनलाइन होगा। किसी को भी चेक नहीं दिया जाएगा।" अजय ने कहा, "भविष्य में बीसीसीआई द्वारा राज्य संघों को जो पैसा दिया जाएगा वह निर्धारित खाते में जमा कराया जाएगा। वह अकाउंट संघ के वर्तमान सचिव और कोषाध्यक्ष द्वारा पारित होना चाहिए। जहां खाता खोला गया है उस बैक के द्वारा इसे सत्यापित किया जाएगा।" उन्होंने बताया, "राज्य संघ के सांविधिक लेखा परीक्षक को एक प्रमाण पत्र जारी कर यह बताना होगा कि संबंधित खाता राज्य संघ का वास्तविक ऑपरेटिव खाता है।" उन्होंने कहा कि बीसीसीआई देसाई और जीसीए के भविष्य पर जल्द ही फैसला लेगी। जीसीए में शीर्ष अधिकारी होने के अलावा देसाई और फड़के बीसीसीआई की सब-कमेटी का भी हिस्सा थे। देसाई बोर्ड की विपणन समिति के अध्यक्ष थे और फड़के सूचना तंत्र और डाटा प्रबंधन पैनल में शामिल थे। --आईएएनएस