भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के आगामी सत्र से पहले खिलाड़ियों की फिटनेस को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। क्रिकबज के अनुसार बोर्ड ने कहा है कि यदि कोई खिलाड़ी उचित फिटनेस के बिना किसी फ्रेंचाइजी में शामिल होता है, तो आईपीएल गवर्निंग काउंसिल एक डॉक्टर की नियुक्ति करेगी ताकि यह जांच की जा सके कि संबंधित खिलाड़ी फ्रेंचाइजी द्वारा निर्धारित फिटनेस मानकों को पूरा करता है या नहीं।
बीसीबीआई ने एक नोट में कहा है कि सीजन की शुरुआत से पहले या बाद में कोई खिलाड़ी किसी फ्रेंचाइजी में शामिल होता है, तो विवाद की स्थिति से बचने के लिए बोर्ड फिटनेसे देखने के लिए स्वतंत्र डॉक्टर से जांच करवाएगा। डॉक्टर का निर्णय फिटनेस शर्तों को लेकर अंतिम माना जाएगा।
यह भी कहा गया है कि अगर फ्रेंचाइजी डॉक्टर की मांग नहीं करती है, तो खिलाड़ी को फिट माना जाएगा। किसी भी तरह से बोर्ड और खिलाड़ी के बीच विवाद के मामले में डॉक्टर का निर्णय अहम माना जाएगा।
पिछले कुछ सीजन में देखा गया है कि कई खिलाड़ी आईपीएल के लिए खुद को फिट मानकर खेलने के लिए उपलब्ध बताते हैं और एक या दो मैच बाद ही चोट के कारण बाहर हो जाते हैं। ऐसे में खिलाड़ी को टीम द्वारा भुगतान करना होता है। बिना खेले ही खिलाड़ी को पूरा भुगतान किया जाता है।
पिछली बार सुनील गावस्कर ने कहा था कि कुछ खिलाड़ी पैसे के लालच में खुद को फिट बताते हैं और एक-दो मैच खेलकर पैसा बना लेते हैं। शायद इसे देखते हुए ही बोर्ड ने डॉक्टर से जांच और फैसला कराने के बारे में सोचा होगा।
आईपीएल की मेगा नीलामी 12 और 13 फरवरी को बेंगलुरु में होनी है। इसकी तैयारियां जोरों से चल रही है। देखना होगा कि इस बार सबसे महंगा बिकने वाला नाम कौन सा होगा।