आईपीएल (IPL) में बिना कारण बाहर होने वाले खिलाड़ियों पर रोक लगाने के लिए बीसीसीआई (BCCI) एक नीति लाने पर विचार कर रहा है। टीमों द्वारा चिंता जताने के बाद बीसीसीआई ने यह कदम उठाने का निर्णय लिया है। इससे बिना पर्याप्त कारण खिलाड़ी आईपीएल से बाहर नहीं हो पाएँगे। आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल की हालिया बैठक में सदस्यों के बीच नीलामी में कम राशि में खरीदे जाने के बाद खिलाड़ियों के बाहर होने की प्रवृत्ति को रोकने के तरीकों पर बहस हुई।
गवर्निंग काउंसिल लीग के प्रति अहम हितधारक हैं जो फ्रेंचाइजी के प्रति प्रतिबद्ध है। वे काफी योजना के बाद एक खिलाड़ी के लिए बोली लगाते हैं। अगर कोई खिलाड़ी बाहर होता है तो कैलकुलेशन गड़बड़ा जाती है। खिलाड़ी मामूली कारणों से भी लीग से बाहर होते हैं।
क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार खिलाड़ी की योग्यता के बारे में व्याख्या नहीं की गई है लेकिन ऐसे खिलाड़ियों पर निगरानी रखी जा सकती है। बाहर होने वाले खिलाड़ियों को एक निश्चित समयावधि के लिए रोके जाने का प्रावधान नहीं होगा। केस के आधार पर रिसर्च होगी और देखा जाएगा कि अगर कारण वास्तविक है तो क्या करना है।
आम तौर पर चोटिल खिलाड़ी या अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में प्रतिबद्धता के लिए खिलाड़ी आईपीएल से हटने का निर्णय लेते हैं। हाल ही में कुछ नाम अन्य कारणों से भी टूर्नामेंट से बाहर हुए हैं। जेसन रॉय ने परिवार के साथ क्वालिटी समय बिताने और अपने खेल पर काम करने के लिए आईपीएल को छोड़ने का निर्णय लिया था। उनके अलावा एलेक्स हेल्स ने भी टूर्नामेंट छोड़ दिया था। ऐसे में उनको खरीदने वाली टीमों को तुरंत किसी रिप्लेसमेंट की घोषणा करनी पड़ी।
मिचेल स्टार्क ने भी कुछ मौकों पर आईपीएल से हटने का निर्णय लिया था। आरसीबी ने उनको खरीदा था। यही कारण है कि बोर्ड को अब मामले पर सोचना पड़ा है।