भारतीय क्रिकेट खिलाड़ियों को अब हर दो महीनों पर फ़िट्नेस टेस्ट से गुज़रना होगा

क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए फ़िट्नेस बेहद अहम पहलू होता है, हर टीम चाहती है कि उनके खिलाड़ी पूरी तरह से फ़िट रहें। भारतीय क्रिकेट टीम में भी फ़िट्नेस की समस्या हमेशा से रही है। इसको देखते हुए टीम इंडिया के कोच अनिल कुंबले और बीसीसीआई ने एक फ़ैसला लिया है जिसके तहत अब हर दो महीनों में खिलाड़ियों को फ़िट्नेस टेस्ट देना होगा। अनिल कुंबले ने एक रिपोर्ट बीसीसीआई को सौंपी थी जिसके बाद ये फ़ैसला लिया गया है कि टीम इंडिया के सभी अनुबंधित खिलाड़ियों के लिए अब फ़िट्नेस टेस्ट से गुज़रना ज़रूरी है। इससे भारतीय क्रिकेट खिलाड़ियों की फ़िट्नेस अच्छी हो सकती है। 2011 वर्ल्डकप के दौरान भारतीय क्रिकेट टीम के फ़िट्नेस ट्रेनर रामजी श्रीनिवासन ने कहा भी था, ‘’हमारे यहां कोई फ़िट्नेस टेस्ट का प्रावधान नहीं है। पिछले दो दशक से क्रिकेट बदल चुका है, और अब ये खेल स्किल बेस्ड नहीं बल्कि शारीरिक खेल हो गया है। ऐसे में हम फ़िट्नेस को कभी भी नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते हैं।“ इसी को ध्यान में रखते हुए कोच अनिल कुंबले ने भारतीय खिलाड़ियों की फ़िट्नेस का ये नायाब सुझाव बीसीसीआई को दिया, जिसपर मुहर लगा दी गई है। साथ ही साथ उन्होंने टीम इंडिया के बेंच स्ट्रेंथ को भी मज़बूत बनाने की बात कही है। ‘’कुंबले का मानना है कि अगर भविष्य की ओर ध्यान देना है तो सभी को मिलकर आगे आना होगा। अकेले दम पर कुछ बड़ा बदलाव नहीं लाया जा सकता। भारतीय टीम तो घर में अच्छा खेलती है लेकिन विदेशों में उन्हें बेहतर करने की ज़रूरत है। इसके लिए हमें अपने बेंच स्ट्रेंथ को और भी मौक़े देने होंगे।“ : बीसीसीआई सूत्र फ़िट्नेस की अहमियत भारतीय क्रिकेट टीम को समझ में आने लगी है और इसका श्रेय अनिल कुंबले को देना ग़लत नहीं होगा। लगातार क्रिकेट खेलने के बाद ज़रूरी हो जाता है कि खिलाड़ियों का ध्यान रखा जाए। लिहाज़ा कुंबले की ये पहल भारतीय क्रिकेट टीम को एक नई दिशा में ला जा सकती है।