भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानि बीसीसीआई ने उम्र में हेराफेरी करने वाले खिलाड़ियों पर शिकंजा कसने के लिए एक गाइड लाइन जारी की है। इसके अनुसार कोई भी क्रिकेटर जन्म दिनांक के साथ छेड़छाड़ करता हुआ पाया जाता है, तो बोर्ड के टूर्नामेंटों में उसे 2 साल तक बैन किया जा सकता है।
बीसीसीआई के अनुसार वे उम्र सम्बन्धी मामलों पर जीरो फीसदी टोलरेंस बरतते हुए उन क्रिकेटरों पर कड़ा एक्शन लेंगे जो अपने जन्म प्रमाण पत्र में तारीख़ के साथ छेड़छाड़ करते हैं। बोर्ड ने राज्य क्रिकेट संघों को यह निर्देश दिया है कि अगले सत्र में जप भी खिलाड़ी रजिस्ट्रेशन के समय जन्म की तारीख में बदलाव करे, उसे तुरंत बैन कर दिया जाए। यह प्रतिबन्ध 2 साल के लिए जारी रहेगा।
गौरतलब है कि बीसीसीआई जीरो टोलरेंस पॉलिसी कई मामलों में अपनाती है। मैच फिक्सिंग भी इनमें से एक है। मैच या स्पॉट फिक्सिंग में आजीवन प्रतिबन्ध का प्रावधान है। इस समय पूर्व भारतीय क्रिकेटर एस श्रीसंत को बोर्ड ने आजीवन प्रतिबंधित किया हुआ है। इसमें जीरो टोलरेंस पॉलिसी ऑन करप्शन के तहत कार्रवाई करते हुए इस क्रिकेटर को निलंबित किया है।
उल्लेखनीय है कि उम्र के मामलों में बढ़ोतरी के चलते बीसीसीआई को यह कड़ा निर्णय लेते हुए गाइड लाइन जारी करनी पड़ी है। नए आने वाले खिलाड़ी उम्र के फर्जी प्रमाण पत्र या दूसरी जन्म तारीख़ डालकर रजिस्ट्रेशन कराते हैं और लम्बे समय तक खेलते हैं। भारतीय टीम में आने का सपना देखने वाले खिलाड़ी यह तरीका अपनाकर अनुचित रूप से खेलते हैं। इसे बड़ा फ्रॉड मानते हुए बोर्ड ने अगले सत्र में इस तरह की घटनाएं रोकने का मन बनाया और 2 साल के प्रतिबन्ध का प्रावधान किया।
बीसीसीआई की सख्ती के चलते फ्रॉड करने वाले मामले कम आने की संभावनाएं होगी और यह एक बेहतर कदम माना जा सकता है।
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