स्पिन गेंदों पर भारतीय बल्लेबाजों की कमजोरी को देखते हुए अब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) प्रथम श्रेणी क्रिकेट में स्पिनरों की मददगार पिचें चाहता है। हाल ही में इंग्लैंड दौरे पर मोईन अली के खिलाफ भारतीय बल्लेबाजों की नाकामी को देखते हुए ये फैसला लिया गया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक पिच क्यूरेटरों से कह दिया गया है कि वे ऐसी पिचें तैयार करें, जिस पर स्पिन गेंदबाजों को ज्यादा मदद मिले। बीसीसीआई चाहता है कि खेल के दूसरे दिन ही पिच टर्न होने लगे। बीसीसीआई के एक अधिकारी के मुताबिक क्यूरेटर्स से साफ-साफ कह दिया गया है कि भारतीय बल्लेबाजों को मोईन अली के खिलाफ क्या दिक्कत हुई थी। अधिकारी ने ये भी बताया है कि ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर नाथन लियोन का वीडियो भी देखा गया है और उसके बाद ये निष्कर्ष निकला है कि अगर ऑस्ट्रेलिया की तेज गेंदबाजों की मददगार पिचों पर लियोन खेल के दूसरे दिन ही टर्न कराने लगते हैं तो भारतीय पिचों पर ऐसा संतुलन क्यों नहीं हो सकता है।
पिछले 7-8 सालों के दौरान बीसीसीआई तेज गेंदबाजों की मददगार पिचों के लिए ज्यादा जोर देता रहा है लेकिन उसकी वजह से भारतीय बल्लेबाजों को स्पिनरों के खिलाफ दिक्कत होने लगी। एक समय भारतीय खिलाड़ियों को सबसे बढ़िया स्पिन खेलने वाला खिलाड़ी माना जाता था लेकिन विदेशी पिचों पर वो स्पिनरों के सामने अब ढेर हो जाते हैं। इसका ताजा उदाहरण मोईन अली का है, जिनके सामने भारतीय बल्लेबाजों ने सरेंडर कर दिया था। खबरें हैं कि इस तरह की चर्चाएं पिछले सीजन से ही शुरू हो गईं थीं और ताजा निर्देश हाल ही में मुंबई में रणजी सीजन शुरू होने से पहले क्यूरेटर्स की हुई वर्कशॉप के बाद दिए गए हैं। भारत को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 4 टेस्ट मैच खेलने हैं और वो इसके लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहता है।
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