वीरेंदर सहवाग को कोच बनाए जाने पर चुप रहने के लिए कहा जाएगा : रिपोर्ट्स

पूर्व भारतीय खिलाड़ी वीरेंदर सहवाग हाल ही में भारतीय टीम के कोच पद के आवेदन के लिए दो लाइन का रेज्यूमे भेजने को लेकर सुर्ख़ियों में आए थे। इसके बाद सहवाग ने मीडिया रिपोर्टों को गलत बताते हुए कहा था कि उन्होंने बीसीसीआई के नियमों को पूरा करने वाला रेज्यूमे भेजा है। सहवाग ने कहा "मीडिया सूत्रों से वह दो लाइन का CV पाकर मुझे ख़ुशी होगी। अगर मुझे दो लाइन का रेज्यूमे भेजना होता, तो मेरा नाम ही काफी है।" भारतीय टीम के कोच पद से अनिल कुंबले के इस्तीफे के बाद सहवाग, रवि शास्त्री दोनों ही बड़े नाम कोच पद की दौड़ में शामिल हो गए हैं। जहां विराट कोहली के लिए शास्त्री पहली पसंद है, वहीँ बीसीसीआई के ट्रेजरर अनिरुध चौधरी सहवाग को प्राथमिक मानते हैं। एक सूत्र ने डेक्कन क्रोनिकल को कहा कि सोशल मीडिया पर वीरू सोशल मीडिया पर मुखर है लेकिन उन्हें नियुक्त करने की स्थिति में मुंह बंद रखने का निर्देश दिया जाएगा। आगे उन्होंने कहा कि अगर भारत मैच या सीरीज हारता है, तो सहवाग कहेंगे 'तो क्या हुआ'? इससे लोगों को नुकसान होगा। गौरतलब है कि भारतीय टीम के मुख्य कोच के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 9 जुलाई तय की गई है। बीसीसीआई की क्रिकेट सलाहकार समिति आवेदन करने वालों का साक्षात्कार लेकर बोर्ड को कोच पद के लिए नाम सुझाएगी। इस समिति में सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, वीवीएस लक्ष्मण जैसे दिग्गज पूर्व क्रिकेटर शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि भारतीय टीम के कोच पद से कुंबले के इस्तीफे के बाद कई पूर्व खिलाड़ियों की प्रतिक्रियाएं आई। संजय मांजरेकर ने ट्वीट करते हुए कहा था कि कोच नियुक्त करने से पहले विराट कोहली की राय जाननी चाहिए। वहीँ सुनील गावस्कर कुंबले के इस्तीफे पर काफी नाराज हुए थे और यहां तक कहा था कि भारतीय खिलाड़ियों को पीछे बैठकर कोई काम नहीं करने वाला व्यक्ति कोच के रूप में चाहिए।

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