ख़बरों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई प्रबंधक समित (COA) और राज्य क्रिकेट संघों के बीच झगड़ा जारी रहा और आईपीएल 2017 का आयोजन नहीं हुआ, तो भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) दिवालिया भी हो सकता है। क्रिकबज से बातचीत करते हुए बीसीसीआई के एक अधिकारी ने बताया "अगर वे आईपीएल को छूते हैं, तो यह बड़ी आपदा होगी। तर्कों के आधार पर यदि इन्डियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2017 आयोजित नहीं हुआ, तो बीसीसीआई को 2500 करोड़ रूपये का नुकसान होगा और दिवालिया हो जाएगा।" प्रत्येक राज्य संघ को आईपीएल के एक मैच के लिए 60 लाख रूपये दिए जाते हैं। इसमें 30 लाख रूपये बीसीसीआई से, और बाकी पैसे फ्रेंचाइजी से आते हैं। यह पैसा खेल, अभ्यास, लाइटिंग, मैदान को तैयार करने और ग्राउंड स्टाफ पर खर्च किया जाता है। पिछले कुछ वर्षों से संघों को बोर्ड से अग्रिम और शेष भुगतान टूर्नामेंट के दौरान मिल रहा है। लेकिन चीजें इस बार वैसी नहीं है, क्योंकि पिछले वर्ष सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जब तक लोढ़ा समिति की सिफारिशें राज्य संघ लागू नहीं करेंगे, तब तक बीसीसीआई से कोई फण्ड उन्हें जारी नहीं होगा। न्यूजीलैंड, इंग्लैंड, बांग्लादेश और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट, वन-डे और टी20 सीरीज में खतरे में थे, इस दौरान राज्य संघों ने कहा था कि वे इतना खर्चा वहन नहीं कर पाएंगे इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें फण्ड जारी करने की अनुमति प्रदान कर दी थी। लेकिन अब आईपीएल के लिए इस प्रकार की कोई सम्भावना नजर नहीं आ रही है। कुछ राज्य संघों का कहना है कि जब तक बोर्ड और फ्रेंचाइजी से उन्हें फण्ड नहीं मिलेगा, वे आयोजन कराने में असमर्थ हैं। बोर्ड के वर्तमान सदस्यों को विश्वास है कि कोर्ट उन्हें फण्ड जारी करने की इजाजत देगा। लेकिन राज्य संघों का इसमें हस्तक्षेप उनकी रातों की नींद उड़ाने वाली और चिंताजनक बात है। लोढ़ा समिति की सिफारिशें लागू होने के बाद कई लोग बोर्ड में अपना कार्यकाल भी खो चुके हैं। इस वर्ष आईपीएल शुरू होने की तारीख 5 अप्रैल है, तब तक इंतजार करके देखना होगा कि आगे क्या होता है।