बीसीसीआई आईपीएल प्रायोजक की करेगी समीक्षा

 आईपीएल टाइटल स्पोंसर
आईपीएल टाइटल स्पोंसर

बीसीसीआई ने आईपीएल के टाइटल स्पोंसर को लेकर समीक्षा करने का फैसला लिया है। बीसीसीआई ने इस मामले में आईपीएल के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से जानकारी दी है। गलवान घाटी में चीन की सेना से लड़ते हुए शहीद हुए भारतीय सैनिकों के बलिदान को ध्यान में रखते हुए बीसीसीआई ने ऐसा करने का निर्णय लिया है। आईपीएल का टाइटल स्पोंसर चीन की मोबाइल कम्पनी विवो है। अब इसे बदलने या जारी रखने पर समीक्षा होगी। विवो से हर साल बीसीसीआई को 440 करोड़ रूपये मिलते हैं।

आईपीएल के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा गया कि सीमा पर हमारे जवानों की शहादत को ध्यान में रखते हुए आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने टूर्नामेंट के विभिन्न स्पोंसर डील की समीक्षा करने के लिए एगले सप्ताह एक बैठक बुलाई है।

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बीसीसीआई ने ट्विटर ट्रेंड के बाद लिया फैसला

इससे पहले शुक्रवार को दिन में बीसीसीआई के ट्रेजरर अरुण धूमल का बयान मीडिया में चला जिसमें उन्होंने कहा था कि विवो से भारत को फायदा हो रहा है। करार रद्द करने से कुछ नहीं होगा, सरकार को मोबाइल बेचने पर बैन लगाना चाहिए। इस बयान के बाद शाम को भारतीय लोगों ने बीसीसीआई के खिलाफ ट्विटर पर अभिनय छेड़ दिया था। इसके बाद आईपीएल के हैंडल से ट्वीट करते हुए स्पोंसर की समीक्षा करने के लिए मीटिंग के बारे में बताया गया। आईपीएल का टाइटल स्पोंसर इस समय चीनी मोबाइल कम्पनी विवो है। इसका करार वर्ष 2022 में समाप्त होना है। बीसीसीआई अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए इसे पहले भी समाप्त कर सकती है। इससे पहले चीन की मोबाइल कम्पनी ओप्पो भारतीय टीम के जर्सी की स्पोंसर थी।

गलवान घाटी में चीन के सैनिकों को घुसपेठ का जवाब देते हुए इंडियन आर्मी के बीस जवान शहीद हुए थे। इसके बाद देश भर में चीनी उत्पादों के बहिष्कार की मांग उठी थी। इंडियन ओलम्पिक कमेटी भी चीनी कम्पनियों के स्पोंसर को लेकर कदम उठाने की बात कह चुकी है। बीसीसीआई से क्रिकेट प्रेमियों से ज्यादा उम्मीदें थी इसलिए बोर्ड ने भी स्थिति को देखते हुए देश के साथ खड़ा होने का फैसला लिया है। हालांकि मीटिंग में क्या होगा यह समय पर ही पता चलेगा।

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Edited by Naveen Sharma