भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने (बीसीसीआई) ने इस वर्ष बहरीन क्रिकेट फेस्टिवल में होने वाले टी20 प्रदर्शनी मैच के लिए भारतीय क्रिकेटर इरफ़ान पठान को जाने से रोक दिया है। बोर्ड ने पठान को दिया गया अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) वापस ले लिया है। 32 वर्षीय पठान ने मैच खेलने के लिए इस देश का दौरा करने अलावा प्रेस वार्ता भी की थी। बीसीसीआई ने विशेष कारण नहीं बताते हुए पठान को दिया गया अनापत्ति प्रमाण पत्र वापस लिया है। दिलचस्प बात यह भी है कि पठान को वहां एक टीम का नेतृत्व करना था, जिसका नाम उनके ऊपर 'इरफ़ान फाल्कन्स' रखा गया है। उन्हें मिस्बाह-उल-हक़ की कप्तानी वाली ईगल्स के खिलाफ भिड़ना था।
यह पहला मौका नहीं है जब बीसीसीआई ने किसी भारतीय खिलाड़ी को देश से बाहर टी20 क्रिकेट खेलने से रोका हो। इससे पहले भी उनके भाई युसूफ पठान को हांगकांग ब्लिजार्ड टी20 टूर्नामेंट में खेलने के लिए बोर्ड ने रोका था। यह टूर्नामेंट इस वर्ष फ़रवरी में हांगकांग में आयोजित हुआ था। बीसीसीआई का अपने अनुबंधित खिलाड़ियों को विदेशी टी20 टूर्नामेंटों में भेजने का नजरिया थोड़ा अलग रहा है। उन्होंने सामान्यतः बिना अनुबंध वाले खिलाड़ियों को भी 50 ओवर (ढाका प्रीमियर लीग) जैसे टूर्नामेंट खेलने की इजाजत दी है। टी20 को लेकर उनकी नीतियां अलग है। ऐसा बोर्ड अपने टी20 टूर्नामेंट आईपीएल की ब्रांड वैल्यू को ध्यान में रखते हुए कर सकता है। पठान से यह अनापत्ति प्रमाण पत्र मैच के दिन ही वापस लिया गया और उनकी अनुपस्थिति में वेस्टइंडीज के खिलाड़ी मार्लोन सैमुएल्स ने फाल्कंस का नेतृत्व किया। मिस्बाह-उल-हक़ ने 38 गेंदों में 10 छक्कों की मदद से 121 रनों की पारी खेली। उनके हमवतन शाहिद आफरीदी ने भी 49 गेंदों में 79 रन बनाए। इन शानदार पारियों की बदौलत ईगल्स ने फाल्कंस को 245 रनों का लक्ष्य दिया और 69 रनों से मैच जीत लिया। सैमुएल्स ने 33 गेंदों में 72 रन बनाए लेकिन टीम की हार नहीं टाल सके।