रणजी ट्रॉफी में बंगाल के कप्तान मनोज तिवारी (Manoj Tiwary) ने क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। मनोज तिवारी ने बिहार के खिलाफ अपना आखिरी रणजी मुकाबला खेला और इसके बाद उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कह दिया। खास बात ये रही कि मनोज तिवारी ने इडेन गार्डेन में अपना आखिरी मैच खेला और इससे वो काफी ज्यादा खुश थे कि उन्हें अपने होम ग्राउंड में करियर का आखिरी मुकाबला खेलने को मिला।
मनोज तिवारी ने इससे पहले भी संन्यास लिया था। उन्होंने पिछले साल अगस्त में क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा की थी। हालांकि कुछ दिनों बाद ही उन्होंने अपना ये फैसला वापस ले लिया था और बंगाल के लिए एक साल और रणजी ट्रॉफी में खेलने का फैसला किया। उन्होंने रणजी ट्रॉफी के इस सीजन बंगाल की कप्तानी की और अपने आखिरी मुकाबले में बिहार के खिलाफ टीम को जीत भी दिलाई।
मनोज तिवारी के लिए ये काफी भावुक लम्हा था। मैच के बाद उन्होंने पिच पर घुटनों के बल बैठकर आभार प्रकट किया और साथी खिलाड़ियों के साथ तस्वीर भी खिंचवाई। खिलाड़ियों ने इस दौरान उनको साइन की हुई टी-शर्ट और फैंस, टीम और ग्राउंड स्टाफ की फ्रेम की हुई तस्वीर भी दी। शाम को बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन ने मनोज तिवारी को सम्मानित भी किया। मनोज तिवारी इस वक्त बंगाल के जूनियर स्पोर्ट्स मिनिस्टर भी हैं। उन्हें एक गोल्डन बैट देकर सम्मानित किया गया।
बंगाल के लिए रणजी ट्रॉफी नहीं जीत पाने का मलाल रहेगा - मनोज तिवारी
मनोज तिवारी ने अपने संन्यास को लेकर बड़ी प्रतिक्रिया दी और साथ ही एक खास चीज के लिए अफसोस भी जताया। उन्होंने कहा,
मुझे काफी खुशी हो रही है कि मैं अपने फेवरिट ग्राउंड में रिटायर हो रहा हूं। मुझे बस एक ही चीज का पछतावा रहेगा कि मैं बंगाल के लिए रणजी ट्रॉफी नहीं जीत पाया।
आपको बता दें कि मनोज तिवारी ने टीम इंडिया के लिए भी कई मुकाबले खेले थे। उन्होंने अपने वनडे करियर में 12 मैच खेले थे जिसमें 287 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने एक शतक और एक अर्धशतक लगाया। वहीं तीन टी20 इंटरनेशनल मुकाबलों में उन्होंने 15 रन बनाए थे।