अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 90 के दशक में ऑस्ट्रेलिया की टीम सबसे मजबूत टीम हुआ करती थी। 80 के दशक में कई बड़े मौके पर नाकाम रहने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम एक बड़े बदलाव से गुजरकर नए सिरे से तैयार हुई थी। वनडे में ऑस्ट्रेलियाई टीम 90 के दशक में मानसिक तौर तब काफी मजबूत हो गयी थी, विंडीज को उन्होंने उन्हीं की धरती पर हरा दिया था।
मार्क टेलर कप्तान थे, जिन्होंने एक बेहद मजबूत ऑस्ट्रेलियाई टीम तैयार की। टेलर ऐसी टीम का नेतृत्व करते थे, जिसमें हर सदस्य किसी गिफ्ट से कम नहीं था। उन्होंने उनकी क्षमता का इस्तेमाल करके दुनिया की सभी टीम को हराने की क्षमता विकसित की। ऑस्ट्रेलियाई टीम में उस वक्त कई नेचुरल स्ट्रोक प्लेयर थे, तो वहीं उनकी गेंदबाज़ी में भी काफी गहराई थी। इसके अलावा ऑस्ट्रेलियाई टीम की सबसे खास बात उनकी अंत तक हार न मानने वाली जिद जो उन्हें बाकी टीमों से अलग बनाती थी।
साथ ही ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी सबसे प्रोफेशनल खिलाड़ी भी थे। प्रोटेस के अलावा ऑस्ट्रेलियाई टीम ने फील्डिंग के नए मानक पेश किए थे। उनके खिलाड़ी खुद को बतौर एथलीट तैयार करते थे। इसके लिए वह अलग सेशन भी लेते थे।
आज हम आपको उस पुराने दौर में ले चलते हैं और उस दौर की सर्वश्रेष्ठ वनडे ऑस्ट्रेलियाई टीम के बारे में बताते हैं: