सर्वश्रेष्ठ ऑस्ट्रेलियाई वनडे एकादश (1996-2000)

Carlton United Australia v Sri Lanka Mark Waugh

अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 90 के दशक में ऑस्ट्रेलिया की टीम सबसे मजबूत टीम हुआ करती थी। 80 के दशक में कई बड़े मौके पर नाकाम रहने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम एक बड़े बदलाव से गुजरकर नए सिरे से तैयार हुई थी। वनडे में ऑस्ट्रेलियाई टीम 90 के दशक में मानसिक तौर तब काफी मजबूत हो गयी थी, विंडीज को उन्होंने उन्हीं की धरती पर हरा दिया था। मार्क टेलर कप्तान थे, जिन्होंने एक बेहद मजबूत ऑस्ट्रेलियाई टीम तैयार की। टेलर ऐसी टीम का नेतृत्व करते थे, जिसमें हर सदस्य किसी गिफ्ट से कम नहीं था। उन्होंने उनकी क्षमता का इस्तेमाल करके दुनिया की सभी टीम को हराने की क्षमता विकसित की। ऑस्ट्रेलियाई टीम में उस वक्त कई नेचुरल स्ट्रोक प्लेयर थे, तो वहीं उनकी गेंदबाज़ी में भी काफी गहराई थी। इसके अलावा ऑस्ट्रेलियाई टीम की सबसे खास बात उनकी अंत तक हार न मानने वाली जिद जो उन्हें बाकी टीमों से अलग बनाती थी। साथ ही ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी सबसे प्रोफेशनल खिलाड़ी भी थे। प्रोटेस के अलावा ऑस्ट्रेलियाई टीम ने फील्डिंग के नए मानक पेश किए थे। उनके खिलाड़ी खुद को बतौर एथलीट तैयार करते थे। इसके लिए वह अलग सेशन भी लेते थे। आज हम आपको उस पुराने दौर में ले चलते हैं और उस दौर की सर्वश्रेष्ठ वनडे ऑस्ट्रेलियाई टीम के बारे में बताते हैं:

1) मार्क वॉ-जूनियर

मार्क वॉ प्रतिभावान वा ट्विन्स में से एक थे। 90 के अंतिम चरण में मार्क वा सीमित ओवर क्रिकेट के बेहद जबरदस्त सलामी बल्लेबाज़ हुआ करते थे। उनकी बल्लेबाज़ी कमाल की हुआ करती थी। साथ ही वह बेहतरीन स्ट्रोक भी खेलते थे। मार्क ऑनसाइड के बेहतरीन बल्लेबाज़ थे, साथ ही उनका ट्रेडमार्क शॉट लेग फ्लिक था। उन्हें बड़े शतक बनाने के लिए भी जाना जाता था। उनका निकनेम जूनियर था। वह कभीकभार ऑफ़ब्रेक गेंदबाज़ी भी करते थे। मार्क अपने जमाने में ऑस्ट्रेलिया के लिए हमेशा रन बनाते थे। इसके अलावा वह एक बेहतरीन फील्डर भी थे।

2) मार्क टेलर-टबी

ODI Final - Australia v Sri Lanka

मार्क टेलर तकनीकी तौर पर दक्ष और मार्क वा के साथ सलामी बल्लेबाज़ी सँभालते थे। 90 के मध्य में टेलर और मार्क वा सबसे बेहतरीन सलामी बल्लेबाज़ी माने जाते थे। इसके अलावा अगले दशक के लिए बेहतरीन ऑस्ट्रेलियाई टीम का निर्माण करने में टेलर का अहम योगदान था। मार्क टेलर एक बेहतरीन कप्तान थे। उन्होंने अपनी कप्तानी में बेहतरीन ऑस्ट्रेलियाई टीम तैयार की। उनकी वजह से ऑस्ट्रेलियाई टीम काफी संघर्षशील और प्रोफेशनल थी। वह अपने जमाने के बेहतरीन स्लिप फील्डर थे। 3) रिकी पोंटिंग-पंटर Cricket World Cup 1999 RICKY PONTING / AUSTRALIA रिकी पोंटिंग मध्यक्रम के आक्रामक बल्लेबाज़ थे। तेज गेंदबाज़ी की वह बखिया उधेड़ देते थे। उन्हें प्राकृतिक तौर पर बेहतरीन टाइमिंग और स्ट्रोक खेलने का तोहफा मिला हुआ था। उनके शॉट में जादू था। पोंटिंग की स्ट्रोक खेलने की क्षमता और फ्रंट फुट पर आकर शफल करना शानदार था। पोंटिंग अपने जमाने के बेहतरीन फील्डर भी थे। जोंटी रोड्स के बाद रिकी का नाम आता था। उन्होंने कई सांसे थाम देने वाले कैच भी पॉइंट पर पकड़े थे। 4) डैरेन लेहमन-बूफ Darren Lehmann of Australia लेहमन मध्यक्रम के टिकाऊ बल्लेबाज़ थे। इसके अलावा वह कभी भी जोरदार शॉट लगाने में सक्षम थे। लेहमन विपक्षी टीम को अपनी बल्लेबाज़ी से संकट पैदा कर देते थे। वह लगातार मध्यक्रम में बेहतरीन बल्लेबाज़ी किया करते थे। इसके अलावा वह अपनी बाएं हाथ की धीमी गेंदबाज़ी से ऑस्ट्रेलिया के लिए जरुरी समय पर विकेट भी निकालते थे।

5) स्टीव वॉ-टुग्गा

Steve Waugh of Australia

स्टीव वॉ कभी हार न मानने वाले क्रिकेटर थे। वह मध्यक्रम के खब्बू बल्लेबाज़ थे। स्टीव तकनीकी तौर पर काफी दक्ष खिलाड़ी थे। उन्होंने कई सांसे थाम देने वाली पारियां खेली थी। स्टीव कभी भी हार नहीं मानते थे। इसके साथ ही वह एक मध्यम गति गेंदबाज़ भी थे। जिससे ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाज़ी में गहराई आती थी। 6) माइकल बेवन-बेवो 1999 Cricket World Cup. Headingley. 23rd May, 1999. Pakistan beat Australia by 10 runs. Australia's Michael Bevan batting. माइकल बेवन को दुनिया मिस्टर कंसिस्टेंट के नाम से जानती है। उन्होंने सीमित ओवर के क्रिकेट को अलग ही मुकाम दिया। बेवन ऑस्ट्रेलिया के लिए मध्यक्रम में खेलते थे। वह एक मैच जिताऊ बल्लेबाज़ थे। वह उस जमाने के सबसे बेहतरीन फिनिशर माने जाते थे। माइकल बड़े शॉट नहीं लगाते थे लेकिन वह गैप तलाशने में माहिर माने जाते थे। बेवन की रनिंग बिटवीन द विकेट काफी तेज थी। वह मौके की नजाकत को बहुत जल्दी समझ जाते थे। इसके अलावा वह एक अच्छे गेंदबाज़ और फील्डर थे। 7) इयान हिली-हील्स i इयान हिली 90 के दशक में ऑस्ट्रेलिया के विकेटकीपर थे। वह स्टंप के पीछे काफी मुस्तैद रहते थे। हीली की कीपिंग का सबसे ज्यादा फायदा दिग्गज स्पिनर शेन वार्न को होता था। इसके अलावा हीली निचले क्रम के उपयोगी बल्लेबाज़ भी थे। 8) शेन वार्न- वार्नी/हॉलीवुड 1754267-shane-warne-of-australia-bowls-during-the-gettyimages-1472037328-800 शेन वार्न क्रिकेट के बेहतरीन लेग स्पिनर हुआ करते थे। इस दिग्गज स्पिनर ने कलाइयों के सहारे कमाल की स्पिन गेंदबाज़ी की। उनकी गेंदे नेचुरल ही ड्रिफ्ट होती थीं। इसके अलावा वार्न को टर्न भी काफी मिलता था। जिसकी वजह से वह विकेट निकाल लेते थे। वह बल्लेबाजों पर अपनी लेग स्पिन से कहर बरपा देते थे। बीच के ओवरों में शेन ऑस्ट्रेलिया के सबसे कारगर हथियार थे। इसके अलावा वह मैच जिताऊ गेंदबाज़ थे। इस चैंपियन गेंदबाज़ ने कई बार निचले क्रम में आकर ऑस्ट्रेलिया के लिए रन भी बनाये हैं। साथ ही वार्न स्लिप के अच्छे फील्डर भी थे। 9) पॉल रिफिल-पिस्टल 1999 Cricket World Cup. Headingley. 23rd May, 1999. Pakistan beat Australia by 10 runs. Australia's Paul Reiffel bowling. पॉल रिफिल ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ी को अपने सीम से मजबूती प्रदान करते थे। वह काफी सटीक लाइन पर गेंदबाज़ी करते थे। वह अपनी सीमित क्षमता से कहीं ज्यादा अच्छा प्रदर्शन करते थे। वह काफी जुझारू खिलाड़ी थे। 10) डेमियन फ्लेमिंग-डेमो Damien Fleming 90 के मध्य में डेमियन फ्लेमिंग ग्लेन मैग्रा के उम्दा जोड़ीदार थे। फ्लेमिंग प्राकृतिक स्विंग गेंदबाज़ थे। उनकी लेट स्विंग गेंदें बल्लेबाजों को परेशानी में डाल देती थीं। फ्लेमिंग वनडे में ऑस्ट्रेलिया के स्ट्राइक गेंदबाज़ थे। उनके अंदर विकेट लेने की क्षमता थी। दुर्भाग्यवश उन्हें चोट ने काफी परेशान किया जिससे उनका करियर चौपट हो गया था। 11) ग्लेन मैक्ग्रा-पिजन ICC Cricket World Cup - Australia v South Africa ग्लेन मैक्ग्रा ऑस्ट्रेलिया के फ्रंटलाइन तेज गेंदबाज़ थे। लम्बे कद के सीम गेंदबाज़ मैक्ग्रा को उनकी लाइन और लेंथ के लिए आज भी याद किया जाता है। उनकी सटीक लाइन बल्लेबाजों के काफी खतरनाक होती थीं। वह बहुत तेज गेंद नहीं फेंकते थे, लेकिन उनकी सटीक दिशा से लगातार बल्लेबाज़ परेशानी में रहते थे। पिजन नाम उन्हें विकेट लेने के लिए कहा गया था। मैक्ग्रा की गेंदबाज़ी में काफी ज्यादा आक्रामकता थी। वह एक भी रन देना नहीं पसंद करते थे। बल्लेबाज़ी में कुछ खास नही थे, वह हमेशा 11वें नम्बर पर बल्लेबाज़ी किया करते थे। 12th मैन एडम गिलक्रिस्ट-गिली 1999 Cricket World Cup. Headingley. 23rd May, 1999. Pakistan beat Australia by 10 runs. Australian wicket keeper Adam Gilchrist. एडम गिलक्रिस्ट अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी आक्रमक बल्लेबाज़ी के लिए मशहूर रहे हैं। वह ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज़ थे। गिली पूरी तरह से एक मैच जिताऊ खिलाड़ी थे। हैण्ड-ऑई कोआर्डीनेशन से स्ट्रोक खेलने वाले गिली मैदान में दर्शकों की संख्या बढ़ा देते थे। वह विपक्षी टीम से मैच को काफी दूर लेकर चले जाते थे। नोट- मैंने गिली को बतौर कीपर टीम में नहीं चुना है। इसकी वजह वह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 21वीं सदी में ज्यादा चमके हैं। बेंच स्ट्रेंथ ऑस्ट्रेलिया के पास कई और स्ट्रोक प्लेयर रहे हैं, उनमें डेमियन मार्टिन, स्टुअर्ट लॉ ने भी टीम की सफलता में योगदान किया है। माइकल स्लेटर में कमाल की स्ट्रोक खेलने की क्षमता थी। उनमें विशेष प्रतिभा थी। टॉम मूडी, शेन ली और ब्रेंडन जुलियन भी कमाल के आलराउंडर हुआ करते थे। ऑस्ट्रेलिया के पास बेंच में अच्छे गेंदबाज़ भी रहे हैं। माइकल कास्प्रोविच, एडम बिकल और एडम डेल जैसे गेंदबाज़ टीम में खेले थे। 90 के आखिरी दौर में ऑस्ट्रेलिया की तरफ से ब्रेट ली, मैथ्यू हेडन, डेमियन मार्टिन ने करियर शुरू किया था। हालाँकि ये लोग बाद में टीम का नियमित सदस्य रहे। डेविड बून, डीन जोंस, एलन बॉर्डर, मर्व ह्यूज और क्रेग मैकडरमोट ने 90 के बीच अपने करियर को खत्म किया था। इसलिए हमने उन्हें अपनी टीम में जगह नहीं दी है।