ऑलराउंडर्स: कपिल देव, युवराज सिंह और रोज़र बिन्नी
2011 वर्ल्ड कप में युवराज सिंह ने मैन ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब जीता था। पूरे टूर्नामेंट के दौरान युवराज ने गेंद और बल्ले दोनों से योगदान दिया था। युवराज ने कई कीमती पारियां खेली थीं और समय-समय पर विकेट चटकाकर उन्होंने भारतीय टीम की मदद की थी।
1983 में कपिल देव भारतीय टीम के कप्तान थे और जिम्बावे के खिलाफ खेली गई उनकी 175 रनों की पारी ने टीम का मनोबल बढ़ाने का काम किया था। बल्लेबाजी और गेंदबाजी के अलावा फाइनल में कपिल देव द्वारा लिया गया विवियन रिचर्ड्स का कैच भी क्रिकेट फैंस को हमेशा याद रहेगा।
रॉज़र बिन्नी काफी अंडररेटेड ऑलराउंडर थे, लेकिन 1983 विश्व कप में रोज़र बिन्नी द्वारा किए गए प्रदर्शन को भारतीय फैंस भुला नहीं सकते हैं। तेज गेंदबाज ने 18 विकेट झटके और टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा विकेट हासिल करने वाले गेंदबाज रहे।