क्रिकेट अब 1990 के दशक से काफ़ी आगे जा चुका है जब मैच ख़त्म करने की कला को इतनी तवज्जो नहीं दी जाती थी जितना कि आज इसका महत्व है। 90 के दौर में फ़िनिशर का कोई वजूद नहीं होता था, टीम में मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज़ हुआ करते थे जो आख़िरी ओवर्स में बल्लेबाज़ी करते थे और अपनी स्पीड से रन बनाते थे। एक ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ जिसका नाम माइकल बेवन है इस सोच को बदलकर रख दिया। आज किसी भी टीम को तैयार करने के लिए फ़िनिशर को जगह ज़रूर दी जाती है। आज के दौर में फ़िनिशर किसी भी टीम का अहम हिस्सा बन गए हैं। टीम अपने ऐसे सुपरहीरो जिसे फ़िनशर कहा जाता है, बहुत ही ज़्यादा तवज्जो देती है। फ़िनिशर की वजह से ही टीम की ताक़त का पता चलता है। जब वर्ल्ड कप में अब एक साल से भी कम का वक़्त बचा है ऐसे में हम यहां मौजूदा वक़्त में दुनिया के 5 सबसे बेहतरीन फ़िनिशर के बारे में चर्चा कर रहे हैं।
#5 शाक़िब अल हसन
शाक़िब अल हसन ने अपने वनडे करियर की शुरुआत साल 2006 में ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ हरारे में की थी। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनकी शुरुआत भले ही धीमी रही थी लेकिन वो आज दुनिया के सबसे बेहतरीन ऑलराउंडर में से एक बन गए हैं। तुलनात्मक रूप से देखा जाए तो बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की एक नई टीम है और अपने छोटे से क्रिकेट इतिहास में इस देश ने कई बेहतरीन खिलाड़ी दिए हैं। साक़िब अल हसन ने बांग्लादेश की टीम को बेहतर टीम बनाने में मदद की है। किसी भी टीम में फ़िनिशर का रोल अहम होता है, इस रोल को बारीकी से निभाया जाता है। शाक़िब ने अकेले ख़ुद के दम पर बांग्लादेश को कई जीत दिलाई है। साल 2017 की आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफ़ी में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ ये साबित कर दिया कि वो दुनिया के एक बेहतरीन फ़िनिशर हैं।
#4 जेपी डुमिनी
जेपी डुमिनी दक्षिण अफ़्रीका के अहम बल्लेबाज़ों में से एक हैं। वो प्रोटियास टीम के लिए काफ़ी वक़्त से क्रिकेट खेल रहे हैं और अब वो काफ़ी अनुभवी बल्लेबाज़ बन गए हैं। डुमिनी का मुख़्य काम फ़िनिशर का ही है। वो हालात के हिसाब से आक्रामक या फ़िर सुलझी हुई पारी खेल सकते हैं। 184 वनडे मैच में डुमिनी ने 37 की औसत से 4767 रन बनाए हैं, जिसमें 4 शतक और 25 अर्धशतक शामिल है। उन्होंने कई मैच में प्रोटियास टीम को जीत दिलाई है।
#3 सरफ़राज़ अहमद
सरफ़राज़ अहमद ने साल 2007 में पाकिस्तान की तरफ़ से जयपुर में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी। आज वो पाक टीम के कप्तान बन चुके हैं और अपने देश को आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफ़ी में ख़िताबी जीत दिला चुके हैं। सरफ़राज़ आज पाकिस्तान के बेहद अहम बल्लेबाज़ हैं। वो टीम में फ़िनिशर का रोल काफ़ी सहज ढंग से निभाते हैं। सरफ़राज़ ने अपने फ़िनिशिंग के हुनर से पाकिस्तार के सर पर जीत का सेहरा पहनाया है। वो लंबे शॉट खेलने और गेंद को दूसर तक पहुंचाने की क़ाबिलियत रखते हैं।
#2 जोस बटलर
जोस बटलर इंग्लैंड के विकेटकीपर बल्लेबाज़ हैं जो इस वक़्त अपनी टीम के अहम खिलाड़ी बन चुके हैं। वो इंग्लिश टीम को जीत दिलाने की हर वो कोशिश करते हैं जिसके ज़रूरत होती है। वो गेंद को काफ़ी दूर तक पहुंचाने में माहिर है, वो ग़ैर परंपरागत शॉट खेलने के लिए जाने जाते हैं। पिछले एक साल में किए गए उनके प्रदर्शन का जवाब नहीं अगर वो इसी फ़ॉम को बरक़रार रखें तो वो एक दिन दुनिया के सबसे बेहरीन फ़िनिशर बन जाएंगे। बटलर क्रिकेट के हर फ़ॉर्मेट में रन बनाने में माहिर हैं और कई बार अकेल अपने दम पर उन्होंने इंग्लैंड टीम को जीत दिलाई है।
#1 महेंद्र सिंह धोनी
अगर विश्व क्रिकेट में फ़िनिशर की मिसाल दी जाती है तो महेंद्र सिंह धोनी का नाम सबसे पहले आता है। उनके जैसा फ़िनिशर इस वक़्त दुनिया में मिलना मुश्किल है। लक्ष्य चाहे कितना भी मुश्किल क्यों न हो महेंद्र सिंह धोनी टीम को जीत की दहलीज़ पर ला देते हैं। वो मौजूदा दौर में दुनिया के सबसे बेहतरीन फ़िनिशर हैं। जब मैच फ़िनिश करने के बात आती है तो धोनी का रिकॉर्ड माइकल बेवन से काफ़ी मिलता जुलता है। साल 2011 के विश्व कप फ़ाइनल में धोनी का मैच जिताउ छक्का आज भी भारतीय क्रिकेट फ़ैंस के ज़ेहन में ताजा है। धोनी दुनिया के कई युवा क्रिकेटर्स के लिए रोल मॉडल हैं। माही को पता होता है कि लक्ष्य का पीछा कैसे करना है और मैच को ख़त्म किस तरह से करना है। उनका संयम भरा स्वभाव ही उनकी कामयाबी की वजह है। हांलाकि धोनी इस वक़्त उतने प्रभावशाली नहीं हैं जितना कि पहले हुआ करते थे, लेकिन अगर वो अपने 50 फ़ीसदी हुनर का भी इस्तेमाल करते हैं तो उनके आगे कोई भी टिक नहीं पाएगा। लेखक- शरण राज अनुवादक- शारिक़ुल होदा