यह विश्व कप के इतिहास के सबसे रोमांचक मैचों में से एक था। पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने रॉबिन उथप्पा के अर्धशतक की बदौलत 141/9 का संघर्षपूर्ण स्कोर खड़ा किया। भारत द्वारा दिए गए 142 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए पाकिस्तानी टीम पारी के 19वें ओवर तक मैच में बनी हुई थी। लेकिन पारी के अंतिम ओवर में पाकिस्तानी टीम दबाव में बिखरगई और अंतिम गेंद पर मिस्बाह-उल-हक अंतिम रन नहीं बना सके, इस तरह यह मैच टाई हो गया। तत्कालीन नियमों के हिसाब से अब मैच का फैसला बॉल आउट से होना था। भारत के पहले तीनों गेंदबाज वीरेंदर सहवाग, उथप्पा और हरभजन सिंह तीनों ने विकेट पर सटीक निशाना लगा कर मैच को भारत के पक्ष में कर दिया। वहीं पाकिस्तान के गेंदबाज एक भी मौके पर भी स्टंप नहीं उखाड़ सके। इस तरह इस नाटकीय मैच में टीम इंडिया ने रन और विकेट से नहीं बल्कि फुटबॉल के तर्ज पर 3-0 से जीत दर्ज की।