भारत 2016 में पहली बार आईसीसी वर्ल्ड टी-20 की मेजबानी कर रहा था। मेजबान टीम के सुपर फॉर्म को देखते हुए भारतीय टीम को टूर्नामेंट का पसंदीदा दावेदार माना जा रहा था। हालांकि उसे पहले ही मैच में न्यूजीलैंड के हाथों बड़े हार का सामना करना पड़ा था। इसलिए वह बंग्लादेश के खिलाफ मैच से पहले दबाव में थी। पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम ने 20 ओवरों में संघर्षपूर्ण 146/7 का स्कोर बनाया। बांग्लादेश इस लक्ष्य की ओर आसानी से बढ़ रही थी। अंतिम ओवर में बंग्लादेश को जीत के लिए 11 रन की आवश्यकता थी। मुशफिकर रहीम ने पहले तीन गेंदों पर नौ रन बनाए। इस तरह बंग्लादेश को अंतिम तीन गेंदों पर सिर्फ 2 रन ही बनाने थे। लेकिन युवा हार्दिक पांड्या के करिश्माई गेंदबाजी और एम एस धोनी के सूझ-बूझ से भारतीय टीम ने बंग्लादेश को यह 3 रन नहीं बनाने दिए। भारत को आखिर तीन गेंदों पर तीन विकेट मिले और भारत ने महज एक रन से शानदार जीत हासिल की। महेंद्र सिंह धोनी द्वारा आखिरी गेंद पर मुस्तफिजुर रहमान को रन आउट करना भारतीय क्रिकेट के लिए एक यादगार पल था और इसे लंबे समय तक याद रखा जाएगा।