यह मैच पिछले एक दशक में भारत द्वारा खेले गए सर्वश्रेष्ठ मैचों में से एक था। इस जीत ने भारतीय क्रिकेट में एक नई जान फूंकी थी, जो 2007 के विश्व कप में हार के बाद निराशा के दौर से गुजर रही थी। इस जीत ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के लिए भी एक नींव तैयार किया, जो आज नंबर 1 ग्लोबल क्रिकेट लीग बन गई है। इस मैच में भारत के 157 रन के स्कोर के जवाब में पाकिस्तानी टीम की पारी उतार चढ़ाव से भरी हुई थी। अंतिम ओवर तक मैच दोनों तरफ झुका हुआ था और किसी भी तरफ जा सकता था। जब धोनी ने अंतिम ओवर के लिए जोगिन्दर शर्मा को गेंद सौंपी तो एक दफा लगा कि मैच भारत के हाथ से फिसल गया। लेकिन मुकद्दर के सिकंदर माने जाने वाले धोनी ने शायद उस दिन के मुकद्दर को पढ़ ही लिया था। मिस्बाह उल हक द्वारा फाइन लेग पर खेला गया शॉट जिस वक्त श्रीसंत के हाथों में गया, उसी वक्त भारतीय टीम ने इतिहास रच दिया था। भारत पहले टी-20 विश्व कप की विजेता थी और आने वाले समय में दुनिया पर राज करने जा रही थी।
मूल लेखक - कार्तिक रामलिंगम अनुवादक एवं संपादक - सागर