भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने प्रारूप के अनुसार गेंदबाजों का सेट तैयार करने की बात कही है। इससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि बायो बबल में खिलाड़ी शारीरिक और मानसिक रूप से तरोताजा रहें। भारतीय टीम टी20 वर्ल्ड कप में सुपर 12 चरण में ही बाहर हो गई है और उन्हें टॉप चार में जाने का मौका नहीं मिला है।
भरत अरुण से जब पूछा गया कि प्रारूप विशिष्ट के अनुसार गेंदबाज तय होने चाहिए, तो उन्होंने कहा कि हमारा देश जिस वोल्यूम में क्रिकेट खेल रहा है उसके बारे में ही नहीं है, बल्कि बायो बबल में रहते हुए खेलने के बारे में भी है। मैं आपको गारंटी देता हूँ कि पूरे साल बबल में रहकर नहीं खेल सकते।
भरत ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य बहुत जरूरी होता है। उन्हें ब्रेक की आवश्यकता होती है। बायो बबल में रहकर खेलने का नॉर्म अभी एक या दो साल और चलने वाला है। इसलिए अहम है कि हमारे पास तेज गेंदबाजों का शानदार पूल मौजूद हो। हमारे देश में पर्याप्त प्रतिभा है इसलिए हम अलग-अलग प्रारूपों के लिए अलग-अलग टीमों को मैदान में उतार सकते हैं। इस तरह न केवल हम उपलब्ध विभिन्न प्रतिभाओं को समझते हैं, बल्कि यह हमारे गेंदबाजों को मानसिक और शारीरिक रूप से भी काफी तरोताजा रख सकता है।
उल्लेखनीय है कि भरत अरुण जुलाई 2017 से भारतीय टीम के साथ है। उन्होंने टीम की सफलता में अपना अहम योगदान दिया है। हालंकि टी20 वर्ल्ड कप में भारतीय गेंदबाजी प्रभावित करने में नाकाम रही है। टीम सेमीफाइनल की दौड़ से भी बाहर हो गई है। टीम इंडिया अपना अंतिम मुकाबला नामीबिया के खिलाफ खेलते हुए इस वर्ल्ड कप में अभियान समाप्त करेगी। भारतीय टीम इसके बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 और टेस्ट सीरीज में खेलेगी।