राजकोट टेस्ट मैच में इंग्लैंड के खिलाफ भारतीय गेंदबाज मजबूर नजर आए। बल्लेबाजों के लिए मददगार पिच पर अश्विन-जडेजा की जोड़ी भी कमाल नहीं कर सकी। एक बार फिर से भारतीय टीम को नई और पुरानी गेंद से सहज प्रदर्शन करने वाले भुवनेश्वर कुमार की कमी महसूस हुई। इस गेंदबाज को न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में चोटिल होने के कारण टीम से बाहर होना पड़ा था। स्पोर्टस्टार से एक साक्षात्कार में इस दांए हाथ के गेंदबाज ने कहा कि बार-बार चोटिल होकर मुख्य मैचों से बाहर होना हताश कर देता है। भुवनेश्वर कुमार ने कहा “संभवतया यह हताश करने वाला होता है जब आप अच्छा प्रदर्शन करते हुए चोटिल हो जाते हैं। आप क्रिकेट नहीं खेल पाते, गेंदबाजी नहीं कर पाते, आपको फिटनेस के लिए कहा जाए तो वर्कआउट के बाद आप पूरे दिन के लिए ऊब जाते हो।“ 26 वर्षीय भुवनेश्वर कुमार पिछले कुछ महीनों से टीम में अंदर-बाहर होते रहे हैं। वे वेस्टइंडीज के खिलाफ पूरी सीरीज नहीं खेल पाए थे तथा न्यूजीलैंड के खिलाफ भी दूसरे टेस्ट मैच में चोटिल हो गए थे। भुवनेश्वर ने कहा “मेरे लिए पिछला वर्ष बहुत हताशजनक रहा, एक मैच खेलकर चोटिल हो जाना, वापस आना और फिर चोटिल हो जाना निराश करता है। पिछले महीने बड़ी चोट नहीं थी लेकिन यह मनोबल तोड़ने वाली बात है। मैं खेल सकता था लेकिन चोट फिर से उभरने की संभावना थी। अब मैं पूरी तरह ठीक होकर मैदान में वापसी करने के लिए तैयार हूँ।“ उत्तर प्रदेश में रणजी टीम का नेतृत्व करने वाले भुवनेश्वर कुमार ने कहा कि लय में होने के बाद अगर आपको चोट से परेशान होना पड़े तो उस वक्त एक खिलाड़ी को गुस्सा आता है। भुवनेश्वर ने कहा कि मैदान में वापसी करते हुए वे मुंबई के खिलाफ रविवार को उत्तर प्रदेश रणजी टीम के होने वाले मैच में कप्तानी करेंगे। इस मैच में भुवनेश्वर कुमार राष्ट्रीय चयनकर्ताओं का ध्यान खींचने की कोशिश करेंगे।