बांग्लादेश के कोच चंडिका हथुरुसिंघे का मानना है कि उनके खिलाड़ी भारत के खिलाफ होने वाले चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल मुकाबले को बड़े मैच की तरह लेने के बजाय खुद को व्यक्त करने के मौके की तरह ले। श्रीलंका मूल के हथुरुसिंघे ने बांग्लादेश टीम के अभ्यास सत्र के बाद कहा, 'यह एक बड़े मैच के बजाय एक बड़ा मौका है और अगर हम इसे ऐसे देखे तो हमारे लिए ज्यादा अच्छा होगा। कोई भी क्रिकेटर ऐसा मौका चाहेगा इसलिए खिलाड़ी इस खेल को पसंद करते हैं। जूनियर और सीनियर खिलाडियों के लिए यही मेरा सन्देश है कि इस मौके को दोनों हाथ से पकड़े।' उन्होंने आगे कहा, 'जब भी भारत के खिलाफ हमारा मैच होता है तो बांग्लादेश की मीडिया और फैंस के लिए यह एक क्रिकेट मैच से कुछ ज्यादा ही होता है। आप किसी बांग्लादेशी से पूछे तो वह कहेगा की 2015 विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में रोहित शर्मा को आउट न देना साजिश के तहत हुआ था क्योंकि भारत की ICC पर पकड़ है।' यह भी पढ़ें : ICC CT 2017 : बांग्लादेश के फैन्स ने किया भारतीय तिरंगे का अपमान जब बांग्लादेश के कोच से पूछा गया कि क्या आप कुमार धर्मसेना को मैच ऑफिशियल के रुप में रख सकते हैं तो उन्होंने जवाब दिया, 'मैं अम्पायर पर कुछ नहीं बोलना चाहूँगा, जो बीत चुका वो अतीत का हिस्सा है।' यह पूछे जाने पर कि क्या बांग्लादेश के खिलाडियों ने 2015 में आये “मौका-मौका” विज्ञापन का बदला लेने की भावना रखते है, जिससे वो काफी खफ़ा हुए थे। इस पर कोच ने कहा कि हमारे अंदर बदले की कोई भावना नहीं है। हम बस मजबूत भारतीय टीम के खिलाफ अच्छा खेल दिखाना चाहते हैं। जीत हमें आत्मविश्वास से भर देगा इसलिए हम सिर्फ मैच जीतने के बारे में सोच रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने सभी भारतीय बल्लेबाजों के लिए योजना तैयार की है जो एक दिन काम कर सकता है पर अगले ही दिन भारतीय टीम उससे बाहर निकल सकती है। बकौल हथुरुसिंघे, 'ज्यादातर लोगों ने नहीं सोचा था कि हम यहाँ तक पहुँच जायेंगे। लेकिन भारत अच्छी टीम है पर अगर हम उन्हें हरा देते है तो हमारे लिए बड़ी उपलब्धि होगी।'