कड़े संघर्ष और उतार-चढ़ाव के बाद बिहार क्रिकेट के अच्छे दिन आ गए। विजय हजारे ट्रॉफी के लिए बिहार की टीम के ऐलान कर दिया गया। 17 सदस्यीय इस टीम का कप्तान प्रज्ञान ओझा को बनाया गया है। बिहार का पहला मुकाबला 19 सिंतबर को नागालैंड से होगा। 15 वर्ष बाद यह टीम विजय हजारे ट्रॉफी में शिरकत करगी। प्रज्ञान ओझा को अतिथि के रूप में टीम में शामिल किया गया है। बिहार की टीम के कोच पूर्व भारतीय खिलाड़ी सुब्रतो बनर्जी होंगे। केशव कुमार को उप-कप्तान बनाया गया है। 15 सदस्यीय टीम के अलावा 5 खिलाड़ियों को स्टैंड बाय रखा गया है। जरुरत पड़ने पर इन्हें टीम में शामिल किया जा सकेगा। बिहार की टीम ईस्ट जोन का हिस्सा होंगी और पहला मुकाबला नागालैंड के साथ खेलेगी। पूर्व भारतीय दिग्गज विजय हजारे के नाम पर खेले जाने वाले इस वन-डे टूर्नामेंट को 5 जोन में बांटा गया है। इस बार विजय हजारे ट्रॉफी 19 सितम्बर से शुरू होकर 20 अक्टूबर को खत्म होगा। बिहार की टीम का पहला मुकाबला गुजरात के वल्लभ विद्यानगर में खेला जाएगा। बिहार क्रिकेट संघ की स्थापना 1935 में हुई थी और यह 2004 तक चली। बिहार ने रणजी ट्रॉफ़ी में अपना आख़िरी मुक़ाबला त्रिपुरा के ख़िलाफ़ 25 से 28 दिसंबर 2003 को जमशेदपुर के कीनन स्टेडियम में खेला था, प्लेट ग्रुप का ये मुक़ाबला ड्रॉ रहा था। इसके बाद 15 अगस्त 2004 को एक तिहाई बहुमत के आधार पर बिहार क्रिकेट संघ का नाम बदल कर झारखंड राज्य क्रिकेट संघ (JSCA) कर दिया गया और इस तरह झारखंड को पूर्ण सदस्यता मिल गई थी। इसके बाद बिहार क्रिकेट संघ भंग हो गया और बिहार के युवाओं का भविष्य अंधकारमय हो चुका था। बिहार की टीम इस प्रकार है: बाबुल कुमार, आशीष सिन्हा, केशव कुमार, कुंदन शर्मा, मोहम्मद रहमतुल्ला, एहसान रवि, अंशुमन गौतम, आशुतोष अमन, प्रज्ञान ओझा, रोहित राज, समर कादरी, दीवान रेहान खान, मनीष कुमार, विकास रंजन, अनुनय नारायण।