भारतीय टीम के प्रमुख कोच की नियुक्ति के लिए रवि शास्त्री के इंटरव्यू के समय अपनी गैरमौजूदगी को लेकर टेलीविजन पर गुस्सा निकालने वाले पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली पर बिशन सिंह बेदी भड़क गए हैं। बेदी ने गांगुली से सवाल किया है कि, 'इस बात को जबर्दस्ती बढ़ाने की क्या जरुरत है?' बेदी ने कहा, 'मीडिया के पाले में गेंद है।' पूर्व कप्तान ने रवि शास्त्री का समर्थन किया। शास्त्री ने प्रमुख कोच नहीं बनने के बाद कहा कहा था कि 'निराश हूं लेकिन नाराज नहीं।' बेदी ने कहा, 'शांत हो जाओ दादा (गांगुली)।' उन्होंने कहा, 'देखिए रवि ने इसलिए ऐसा कहा क्योंकि वह निराश था। यह प्राकृतिक था क्योंकि वह कोच नहीं बन पाए थे। मैं समझ सकता हूं। मगर ऐसे में गांगुली को प्रतिक्रिया देने की जरुरत नहीं थी। उन्हें भड़कने के बजाय संयम बरतना चाहिए था।' बेदी का मानना है कि गांगुली को कहीं जाना था तो शास्त्री का इंटरव्यू किसी और समय पर लेना चाहिए था। उन्होंने कहा, 'इंटरव्यू किसी और समय लिया जा सकता था। कार्यकारी समिति का कार्यक्रम घरेलू स्तर का था जबकि कोच का इंटरव्यू करना अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता का विषय था। यह बेकार है कि इस प्रकार के विवाद में दो भारतीय कप्तान शामिल थे। यह बिलकुल बेकार और इच्छा से परे है। बेदी का मानना है कि एक प्रशासक के रूप में गांगुली को आलोचना झेलते आना चाहिए। उन्होंने कहा, आप हर आलोचना पर प्रतिक्रिया नहीं दे सकते। यह (आलोचना) आपकी जिम्मेदारी का हिस्सा है। प्रशासन के लोग कभी अपनी बात साबित करने की परिस्थिति में नहीं होते हैं। वहां समिति के तीन सदस्य (सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और संजय जगदाले) और मौजूद थे। ऐसे में आपके (गांगुली) पास साबित करने के लिए कुछ नहीं बचता।