डे-नाईट टेस्ट मैच के पक्ष में नहीं हूं: बिशन सिंह बेदी

क्रिकेट की दुनिया में जहां एक तरफ छोटे फ़ॉर्मेट टी20 का बोलबाला है। जिसके लिए दर्शक ज्यादा से ज्यादा मात्रा में मैदान में जमा होते हैं। इस छोटे फ़ॉर्मेट टी20 की तरह ही क्रिकेट के दो और भी प्रारूप हैं जिन्हें हम वनडे क्रिकेट और टेस्ट क्रिकेट के नाम से जानते हैं। वनडे क्रिकेट भिकाफी हद तक लोगो को आकर्षित तो कर लेता है पर लम्बे फ़ॉर्मेट का गेम टेस्ट क्रिकेट लोगो को बड़ी मात्रा में अपनी ओर आकर्षित करने में असफल रहा है। शायद यही वजह है कि सभी बड़े देश टेस्ट क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए नए नए प्रयास कर रहे हैं जिसमें एक प्रयास टेस्ट मैच को बढ़ाने के लिए ये भी है कि टेस्ट को डे-नाईट के रूप में खेला जाये और उसमें सफ़ेद गेंद की जगह पिंक बॉल यानी गुलाबी गेंद का इस्तेमाल किया जाए। भारत में इस इस प्रयोग की शुरुआत हो चुकी है। इसी साल जून के महीने में भारत में पिंक बॉल से पहला डे-नाईट टेस्ट मैच खेला गया जो मोहन बगान और भवानीपुर क्लब के बीच में कोलकाता के ईडन गार्डन में हुआ था। जिसकी कामयाबी ने बोर्ड को इसे एक और बार प्रयोग करने का मौका प्रदान किया और दूसरी बार ये प्रयोग अगस्त में दिलीप ट्रॉफी के टूर्नामेंट में किया जा रहा है। लेकिन टेस्ट क्रिकेट पर इस तरह से प्रयोग करना पूर्व भारतीय खिलाड़ी को नागवार गुज़रा है। पूर्व भारतीय बाएँ हाथ के स्पिनर बिशन सिंह बेदी इस प्रयोग से बेहद नाराज़ दिखाई दिए। “हमें ये प्रयोग नहीं करना चाहिए वो भी पिंक बॉल से, आप पिछले कुछ टेस्ट मैच उठा कर देखे सिडनी टेस्ट मैच पूरी तरह सफल रहा था, उसके बाद इंग्लैंड और पकिस्तान के बीच ओवल टेस्ट भी पूरी तरह लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने में कामयाब रहा था जहां कोई भी पिंक बॉल का इस्तेमाल नहीं किया गया था”: बेदी बेदी के अनुसार अगर टेस्ट मैच की आईपीएल की तरह मार्केटिंग की जाए तो वो भी बड़ी मात्रा में सफल हो सकते हैं। “अगर आपको टेस्ट क्रिकेट को और भी लोकप्रिय बनाना है और लोगो को आकर्षित करना है तो आप अच्छा खेल प्रदर्शन कीजिये ना कि पिंक बॉल जैसा प्रयोग, अगर आप छोटे फ़ॉर्मेट के लिए मार्केटिंग कर सकते हैं तो टेस्ट क्रिकेट के लिए क्यों नहीं”: बेदी

Edited by Staff Editor
App download animated image Get the free App now