दक्षिण अफ़्रीकी सरज़मीं पर अगर कोहली एंड कंपनी ने पिछले दो मैचों से लय पकड़ी है, तो न्यूजीलैंड में पृथ्वी शॉ की कप्तानी में टीम इंडिया इतिहाच रचने के कगार पर खड़ी है। न्यूज़ीलैंड में खेले जा रहे अंडर-19 वर्ल्डकप में अब बस एक ही मुक़ाबला बचा और वह है ख़िताबी मुक़ाबला। जहां 3 बार का वर्ल्ड चैंपियन भारत चौथी बार ख़िताब पर कब्ज़ा करने के लिए बेक़रार है। भारत के सामने ऑस्ट्रेलियाई टीम है, जिसने भी 3 बार अब तक अंडर-19 वर्ल्डकप जीता है। यानी शनिवार को न्यूज़ीलैंड के माउंट मंगानुई में होने वाले फ़ाइनल को जो भी जीतेगा वह चौथी बार चैंपियन बनते हुए इतिहास रच डालेगा।
लीग मैच के आग़ाज़ का होगा एक्शन रिप्ले
टीम इंडिया ने अंडर-19 वर्ल्डकप 2018 का आग़ाज़ इसी मैदान पर और संयोग से ऑस्ट्रेलिया के ही ख़िलाफ़ किया था। जहां पहले बल्लेबाज़ी करते हुए भारत ने 328/7 रन बनाए थे और कंगारुओं को 228 रनों पर ढेर करते हुए 100 रनों से जीत दर्ज की थी। भारत ने इसके बाद पपुआ न्यू गिनी, ज़िम्बाब्वे, बांग्लादेश और पाकिस्तान को शिकस्त देते हुए अनबिटेन फ़ाइनल में जगह बनाई है। जबकि ऑस्ट्रेलिया ने भी उस हार के बाद कोई और शिकस्त नहीं झेली है। ऑस्ट्रेलिया जहां लीग मैच में भारत से मिली हार का बदला लेना चाहेगा तो टीम इंडिया की नज़र उसी मैच का एक्शन रिप्ले करते हुए इतिहास रचने पर होगी।
राहुल द्रविड़ की ये टीम हर मामले में है शानदार
पृथ्वी शॉ की कप्तानी और राहुल द्रविड़ की लाजवाब कोचिंग का ही नतीजा है कि ये टीम इंडिया हर विभाग में दूसरों से कहीं आगे है। इस टूर्नामेंट की सभी पारियों में शुबमन गिल ने जहां 50+ का स्कोर बनाया है तो पृथ्वी शॉ, मनजोत कालरा और रियान पराग जैसे बेहतरीन बल्लेबाज़ इस टीम में मौजूद हैं। साथ ही साथ अनुकूल शर्मा और अभिषेक शर्मा स्पिन और ऑलराउंडर की दोहरी भूमिका में प्रभावशाली प्रदर्शन करते आ रहे हैं। इस टीम की सबसे बड़ी ख़ासियत है तेज़ गेंदबाज़ी जहां कमलेश नागरकोटी और शिवम मावी जैसे दो ऐसे गेंदबाज़ मौजूद हैं जिनकी रफ़्तार के सामने पहले मैच में कंगारू बल्लेबाज़ों ने घुटने टेक दिए थे। नागरकोटी ने तो इस टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया के ही ख़िलाफ़ 149 किमी की रफ़्तार से गेंद डाली थी, तो सेमीफ़ाइनल में इशान पोरेल ने भी 4 पाकिस्तानी बल्लेबाज़ों को शिकार बनाया था।
चोट से जूझ रही ऑस्ट्रेलियाई टीम के पास है बस 'पोप' का सहारा
भारत के लिए जहां अब तक सबकुछ बेहतरीन है तो कंगारू टीम की सबसे बड़ी समस्या है उनके चोटिल खिलाड़ी। टूर्नामेंट में अब तक लाजवाब गेंदबाज़ी करने वाले तेज़ गेंदबाज़ जेसन रॉल्सटन चोट की वजह से बाहर हो गए हैं। रॉल्सटन के नाम इस वर्ल्डकप का दूसरा सबसे बेहतरीन प्रदर्शन है जो पारी में 15 रन देकर 7 विकेट है। रॉल्सटन की जगह आरोन हार्डी को शामिल किया गया था और अब वह भी चोटिल हो गए हैं। ख़िताबी मुक़ाबले में अब नई गेंद की ज़िम्मेदारी ज़ैक इवंस और रेयान हेडली के कंधों पर होगी। हालांकि इंग्लैंड के ख़िलाफ़ अंडर-19 वर्ल्ड कप का रिकॉर्ड बनाने वाले लेग स्पिनर लॉयड पोप से कंगारुओं को बहुत उम्मीदें होंगी। पोप ने क्वार्टर फ़ाइनल में 8 विकेट झटकते हुए नया रिकॉर्ड बना डाला था। भारत के ख़िलाफ़ लीग मैच में 73 रनों की पारी खेलने वाले सलामी बल्लेबाज़ और ऑलराउंडर जैक एडवर्ड्स पर बल्लेबाज़ी का दारोमदार होगा।
पिच का पेंच और मौसम का मिज़ाज
माउंट मंगानुई में पिछले कुछ दिनों से बारिश और आंधी का सिलसिला जारी था, हालांकि अच्छी ख़बर ये है कि मैच से ठीक पहले मौसम साफ़ हो गया है। लेकिन इसका असर पिच पर पड़ सकता और तेज़ गेंदबाज़ों को मदद मिल सकती है। वैसे माउंट मंगानुई की पिच बल्लेबाज़ों के मूफ़ीद मानी जाती है जिसका उदाहरण भारत के पहले मैच में देखने को मिला था जब टीम इंडिया ने 328 रन स्कोर बोर्ड पर बना डाले थे।
क्या मुंबई के वानखेड़े जैसा नज़ारा माउंट मंगानुई में दिखेगा ?
भारतीय क्रिकेट के फ़ैन्स को अगर किसी चीज़ की सबसे ज़्यादा कमी खलती है तो वह है टीम इंडिया की दीवार राहुल द्रविड़ को मैदान से शानदार विदाई की। जिस तरह से सचिन तेंदुलकर को विदाई मिली थी, राहुल द्रविड़ भी वैसी ही विदाई के हक़दार थे। भले ही उन्हें ये विदाई न मिली हो लेकिन 2011 वर्ल्डकप जीतने के बाद जिस तरह टीम इंडिया ने सचिन को अपने कंधों पर उठा लिया था। कुछ वैसी ही उम्मीद इस टीम इंडिया से भी होगी हालांकि 2 साल पहले भी ये मौक़ा था लेकिन तब विंडीज़ ने ऐसा नहीं होने दिया था। भारतीय क्रिकेट फ़ैंस शनिवार को कुछ ऐसी ही तस्वीरों के लिए दुआ कर रहे होंगे। माउंट मंगानुई में बहुत ज़्यादा पंजाबी रहते हैं लिहाज़ा टीम इंडिया की जीत उन्हें भी भांगड़ा करने का मौक़ा दे सकती है। भारत संभावित-XI: मनजोत कालरा, पृथ्वी शॉ, शुबमन गिल, हार्विक देसाई, रियान पराग, अभिषेक शर्मा, अनुकूल रॉय, कमलेश नागरकोटी, शिवम मावी, इशान पोरेल और शिवा सिंह