जब गेंदबाज़ ने जान बूझकर कर 98 रन पर बल्लेबाज़ी कर रहे बल्लेबाज़ को नहीं बनाने दिया शतक

जब कोई भी खिलाड़ी उनके शतक के क़रीब होता है और सामने वाले खिलाड़ी जानबूझ कर उसे शतक नहीं बनाने दें यह खेल भावना की सरेआम अहवेलना है। वेस्टइंडीज़ में होने वाले रीजनल सुपर 50 टूर्नामेंट में लीवर्ड आइलैंड्स ने खेल भावना के ख़िलाफ़ काम किया है | लीवर्ड आइलैंड्स और केंट के बीच हुए मैच में ऐसा ही कुछ देखने मिला जब ज़ैक क्रॉली को उनका शतक पूरा नहीं करने दिया गया |विरोधी टीम ने जान बूझकर वाइड गेंदें की और क्षेत्ररक्षण में ढील दी |

दरअसल हुआ यह कि जब ज़क क्रॉली ने 98 रन बना लिए थे और जीत के लिए सिर्फ 4 रन ही चाहिए थे, तब लीवर्ड आइलैंड्स ने हार को खेल भावना के साथ स्वीकारने के बजाय क्रॉली का शतक रोक दिया | जब केंट ने एक विकेट गंवा कर 180 रन बना लिए थे जब गेंदबाज़ी के लिए शीनो ब्रिज आये। ज़ैक स्ट्राइक पर थे और उन्हें शतक बनाने के लिए सिर्फ 2 रन की आवश्यकता थी। ब्रिज ने जान बूझकर दो गेंद ऑफ स्टंप्स के काफ़ी बाहर करते हुए वाइड गेंदे की ताकि ज़ैक शतक न बना सके। तीसरी गेंद भी ऑफ स्टंप्स के बाहर थी लेकिन ज़ैक ने किसी तरह गेंद खेल कर एक रन लिए था, सीन डिक्सॉन स्ट्राइक पर थे उन्होंने पूरा ओवर खेला लेकिन आखिरी गेंद पर जब डिक्सॉन ने गेंद को मिडविकेट की दिशा में खेला और डिक्सॉन रन लेने के लिए तैयार नहीं थे क्योंकि वह ज़ैक का पहला शतक पूरा करवाना चाहते थे लेकिन क्रौली ने अपने शतक के बारे में ज़रा भी न सोचते हुए रन के लिए दौड़ गए, क्षेत्ररक्षक ने भी जान बूझकर गेंद बाउंड्री की तरफ जाने दिया। ज़ैक ने नाबाद 99 रन बनाए और मैन ऑफ़ द मैच का ख़िताब भी जीता | इसी के साथ केंट 9 विकेटों से जीत गयी | लीवर्ड आइलैंड्स की इस हरतक में उन्हें निंदा का पात्र बनाया है | दर्शकों ने भी लीवर्ड आइलैंड्स के इस खेल भावना को देखते हुए काफ़ी आलोचना की।