अपनी टीम के लिए विकेट निकालना और उसे जीत की राह तक ले जाना, किसी भी गेंदबाज का पहला लक्ष्य होता है। सीमित ओवरों के खेल मे हमेशा से ही नियम बल्लेबाज के पक्ष मे रहे जिसके कारण गेंदबाजों को विकेट लेना ज्यादा मुश्किल हो गया है। सीमित ओवरों के खेल में हमेशा से ही ज्यादातर नियम बल्लेबाजों के पक्ष में रहे और इस वजह से गेंदबाजों के लिए विकेट लेना हमेशा से ही चुनौतीपूर्ण रहा है। हम गेंदबाजों से जुड़े एक रोचक और महत्वपूर्ण तथ्य के बारे में बात करने जा रहे हैं। 300 विकेट लेना निश्चित रूप से बड़ी सफलता होती है, लेकिन एकदिवसीय क्रिकेट में किसी भी गेंदबाज के लिए अपनी टीम की जीत का सारथी बनते हुए इस आंकड़े को छूना, उसके दिग्गज होने का सबूत है। आइए जानते हैं इन दिग्गजों के बारे में: #3 ग्लेन मैक्ग्रा – 301 विकेट 1990 के आखिरी दौर और 2000 के दशक के शुरूआती दौर में ऑस्ट्रेलिया का विश्व क्रिकेट में जो दबदबा था, उसमें मैक्ग्रा की बेहद अहम भूमिका थी। उन्होंने 250 वनडे मैचों में ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व किया। टीम के लिए वनडे क्रिकेट में सर्वाधिक विकेटों का रिकॉर्ड मैक्ग्रा के नाम पर ही है। उनका औसत 22.02 का रहा है। मैक्ग्रा की मौजूदगी में टीम ने 250 मैच खेले, जिनमें से 171 मैचों में टीम विजयी हुई। इस दौरान, मैक्ग्रा ने 8863 गेंदें फेंकी, जिनमें उन्होंने 5401 रन देकर, 17.94 के औसत के साथ 301 विकेट झटके। इस प्रदर्शन में 8 बार 4 विकेटों के स्पेल और 7 बार 5 विकेटों के स्पेल शामिल हैं। इतना ही नहीं, विश्व कप इतिहास में मैक्ग्रा के नाम पर ही सर्वाधिक विकेट (71) हैं। ऑस्ट्रेलिया ने मैक्ग्रा के रहते तीन विश्व कप (1999, 2003, 2007) जीते और इन तीनों में ही मैक्ग्रा ने टीम की ओर से बेहतरीन प्रदर्शन किया। वसीम अकरम वसीम अकरम, एक ऐसा गेंदबाज, जो सिर्फ पाकिस्तान क्रिकेट इतिहास ही नहीं बल्कि विश्व क्रिकेट के सर्वकालीन महान गेंदबाजों में शुमार है। एक रोचक तथ्य यह भी है कि वनडे में पदार्पण से पहले वसीम ने एक भी फर्स्ट क्लास मैच नहीं खेला। वसीम अकरम वनडे क्रिकेट में 500 विकेट लेने वाले पहले गेंदबाज बने। वसीम अकरम के रहते पाकिस्तान ने 356 वनडे खेले, जिनमें से 199 में टीम को जीत हासिल हुई। इस दौरान वसीम अकरम ने 9958 डिलिवरीज फेंकीं, जिनमें उन्होंने 6149 रन देकर 18.86 के औसत के साथ 326 विकेट लिए। इनमें 12 बार 4 विकेटों और 6 बार 5 विकेटों के स्पेल किए। पाकिस्तान की ओर से उनके नाम पर विश्व कप में सर्वाधिक विकेटों (55) का रिकॉर्ड है। इमरान खान की कप्तानी में 1992 में विश्व विजेता बनी पाक टीम का वसीम अकरम अहम हिस्सा थे। इसमें कोई संदेह नहीं है कि वसीम अकरम और वकार यूनिस को जोड़ी को क्रिकेट की सबसे खतरनाक गेंदबाज जोड़ियों की फेहरिस्त में शुमार किया जाता है। मुथैया मुरलीधरन मुरलीधरन की महानता की गवाही आंकड़े देते हैं। जब उन्होंने खेल को अलविदा कहा, तब तक वनडे और टेस्ट दोनों ही में सर्वाधिक विकेटों (534 और 800 क्रमशः) का रिकॉर्ड उनके नाम पर ही था। मुथैया मुरलीधरन की मौजूदगी में खेले गए 350 वनडे मैचों में श्रीलंका ने 202 में जीत हासिल की। इस दौरान मुरलीधरन ने 10,950 डिलिवरीज फेंकीं, जिनमें उन्होंने 6710 रन देकर 18.23 के औसत के साथ 368 विकेट चटकाए। इनमें 13 बार 4 विकेटों के और 9 बार 5 विकेटों के स्पेल शामिल हैं। मैक्ग्रा के बाद विश्व कप में सर्वाधिक विकेटों (68) का रिकॉर्ड मुरलीधरन के नाम पर ही है। हाल ही में, मुरलीधरन को आईसीसी के ‘हॉल ऑफ फेम’ में जगह दी गई है और यह सम्मान पाने वाले वह पहले श्रीलंकाई खिलाड़ी हैं। लेखकः सिद्धार्थ सिद्धू, अनुवादकः देवान्श अवस्थी