क्रिकेट एसोसिएशन फॉर ब्लाइंड इंडिया के सेक्रेटरी जॉन डेविड ने विराट कोहली की टीम को आँखों पर पट्टी बांधकर ब्लाइंड टीम के साथ मैच खेलने की चुनौती दी है | जॉन डेविड के अनुसार इंडियन ब्लाइंड टीम को उतनी ख्याति नहीं मिली जितनी उन्हें मिलनी चाहिए थी, जितना कि मुख्य धारा के खिलाड़ियों को मिलती है | 2015 में भारतीय कोच रवि शास्त्री ने जब आँखों पर पट्टी लगा कर गेंदबाज़ी की थी और उनका कहना था कि अगर में एक पल के लिए भी अपनी आँखे बंद कर लू तो मुझे नहीं पता चलेगा कि मैं कहा हूँ ,यह इतना आसान नहीं है जितना यह दिखता है| डेविड चाहते हैं कि दोनों टीम के बीच एक मुकाबला हो और उसे टेलीविज़न पर प्रदर्शित किया जाये| एक डेमो मैच में रविंद्र जडेजा गेंद को ढूंढते ढूंढते रेंगने लगे और रोहित शर्मा भी खेलने में संघर्ष कर रहे थे | टेलेविज़न पर दिखाने का मक़सद यही है कि लोगों को पता चले कि बिना आँखों के खेलना कितना मुश्किल है | इंडियन ब्लाइंड टीम इस खेल की सर्वश्रेष्ठ टीम है। इस टीम ने 2014 और 2018 में वर्ल्ड कप जीता और साथ ही दो बार टी 20 वर्ल्ड कप भी जीत चुकी है| भारतीय ब्लाइंड क्रिकेट टीम ने पहला 2012 में और दूसरा टी 20 वर्ल्ड कप 2017 में जीता था और साथ ही में दो बार एशिया कप भी जीता है | इतनी सफ़लता के बावजूद भी खिलाड़ियों को उतनी ख्याति नहीं मिली जितनी मिलनी चाहिए थी। खिलाड़ियों की आर्थिक स्थिति भी ख़राब है, कुछ खिलाड़ी तो बेरोज़गार हैं और क्रिकेट से उन्हें इतना पैसा नहीं मिल रहा है कि वह अपना घर चला सकें। इस परेशानी के चलते जॉन डेविड ने बीसीसीआई को सुझाव दिया है कि इन खिलाड़ियों को आर्थिक स्थिरता प्रदान करना आवश्यक है। सीएबीआई के सेक्रेटरी जॉन डेविड ने खिलाड़ियों को आधारभूत सुविधा प्रदान करने की भी माँग की है। ब्लाइंड टीम के सदस्य विराट कोहली और बाकी खिलाड़ियों के फैन हैं और उनसे मिलने की दिल से इच्छा रखते हैं, ब्लाइंड टीम की योग्यता देखने के बाद और उनके द्वारा अर्जित विजय के बाद अब उन्हें विशेष स्थान तो मिलना ही चाहिए।