सीमित ओवर के बाद क्या टेस्ट में भी सिक्का जमाएगा अफ़ग़ानिस्तान ?

दक्षिण एशिया और मध्य एशिया के रेगिस्तान में बसे लगभग साढ़े चार करोड़ जनसंख्या वाले अफगानिस्तान ने क्रिकेट जगत में धमाकेदार वापसी की है। कभी आतंकी हमलों और धमाकों के लिए अखबार की सुर्खियां बनने वाले इस देश को अब राशिद खान और मोहम्मद नबी जैसे अद्भुत क्रिकेटरों के लिए जाना जाने लगा है। आईपीएल में राशिद के खेल ने तो जैसे प्रशंसकों को मोह लिया हो। नबी भी लगातार बेहतर खेल रहे हैं। टी-20 में अपने उम्दा प्रदर्शन से दिग्गजों को आकर्षित करने वाले इस कबिलाई देश के खिलाड़ियों ने वनडे में भी बेहतर किया है। 12वें टेस्ट टीम के रूप में आईसीसी का पूर्ण सदस्य बनने वाले अफगानिस्तान को अब 14 से 18 जून के बीच भारत के खिलाफ टेस्ट पदार्पण करना है और यह उनके लिए ऐतिहासिक क्षण होगा। निश्चित ही इसमें भी वे दमदार प्रदर्शन कर अपना सिक्का जमाना चाहेंगे।

तेजी से उभरे अफगान खिलाड़ी

वैसे तो 19वीं सदी के मध्य से ही अफगानिस्तान क्रिकेट में हाथ आजमाने लगा था लेकिन 2001 में आईसीसी का सदस्य बना। इसके बाद से उसने पीछे मुड़ कर नहीं देखा। इस सत्र में उसके वनडे और टी-20 रिकॉर्ड ने बताया कि क्रिकेट की दुनिया में एक नए शेर का प्रवेश हो चुका है। 12 एक दिवसीय मैचों में आठ जीत और तीन टी-20 मैचों में सौ फीसद जीत के आंकड़े किसी भी विपक्षी को सोचने पर मजबूर कर सकते हैं।

भारत के खिलाफ टेस्ट परीक्षा

अफगानिस्तान अभी तक बड़े टूर्नामेंट में किसी नामी देश के खिलाफ जीत दर्ज करने में नाकाम रहा है लेकिन बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे धुरंधरों को पानी पिलाना यह जाहिर करता है कि उनमें जीतने का जज्बा है। इस साल के आंकड़ों को देखे तो उसने मार्च में हरारे में खेले गए एक दिवसीय में वेस्टइंडीज को भी तीन और सात विकेट से हराया। हालांकि वेस्टइंडीज की टीम में अब वो दमखम नहीं बचा जो 90 के दशक तक हुआ करता था। भारत के खिलाफ पहला टेस्ट अफगान खिलाड़ियों के लिए किसी परीक्षा से कम नहीं है लेकिन हाल के प्रदर्शन की बदौलत उनका मनोबल ऊंचा होगा। गेंदबाजी में उनके पास राशिद खान, दौलत जर्दान और हामिद हसन जैसे बेहतरीन सितारे हैं तो हरफनमौला मोहम्मद नबी टीम की रीढ़ हैं। टीम के पास अनुभव की कमी है लेकिन भारत के खिलाफ मैच में सामूहिक प्रदर्शन से अफगानिस्तान टेस्ट में भी अपना सिक्का जमा सकता है।

कमजोर बल्लेबाजी से उबरना होगा

अफगानिस्तान को स्पिन गेंदबाजों का खदान माना जाने लगा है। आईपीएल तो इसकी गवाही भी देता है। पहले राशिद और अब नबी के साथ मुजीब-उर-जदरान भी प्रशंसकों को लुभा रहे हैं। हालांकि भारत के खिलाफ टेस्ट में कमजोर बल्लेबाजी टीम के लिए चिंता का सबब है। भारतीय गेंदबाजी के सामने लंबे समय तक पिच पर टिके रहना अफगानी खिलाड़ियों के लिए बड़ी चुनौती है। छोटी-छोटी साझेदारियां ही टीम को जीत की राह पर आगे बढ़ा सकती है।

राशिद साबित होंगे तुरुप का इक्का

राशिद खान को क्रिकेट के हर फन का माहिर खिलाड़ी कहा जाए तो गलत नहीं होगा। भारत के खिलाफ पदार्पण टेस्ट में अफगानिस्तान के लिए उनकी भूमिका अहम होगी। वे अपनी टीम के एक मात्रा ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने भारतीय क्रिकेट को सबसे ज्यादा करीब से देखा है। साथ ही अपनी धारदार गेंदबाजी से वे विपक्षी टीम को कम स्कोर पर समेटने का मद्दा रखते हैं। उनकी बल्लेबाजी भी टीम के लिए बोनस है। वह इस मैच में तुरुप का इक्का साबित हो सकते हैं।

Edited by Staff Editor
Sportskeeda logo
Close menu
WWE
WWE
NBA
NBA
NFL
NFL
MMA
MMA
Tennis
Tennis
NHL
NHL
Golf
Golf
MLB
MLB
Soccer
Soccer
F1
F1
WNBA
WNBA
More
More
bell-icon Manage notifications