भारत के सर्वश्रेष्ठ तेज़ गेंदबाज़ों में शुमार ज़हीर खान के 2015 में अंतराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद से टीम के गेंदबाज़ी आक्रमण को गहरा झटका लगा था। हालांकि बाएँ हाथ के दूसरे तेज़ गेंदबाज़ आशीष नेहरा उपलब्ध थे, लेकिन वह लगातार चोटिल होने की वजह से टीम से अंदर-बाहर होते रहते थे। इस बीच, टीम प्रबंधन ने जयदेव उनादकट जैसे गेंदबाज़ को आज़माया लेकिन वे उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए। ऐसे में टीम इंडिया की बाएं हाथ के एक बेहतरीन तेज़ गेंदबाज़ की तलाश खत्म हुई राजस्थान के 20 वर्षीय खिलाड़ी खलील अहमद पर आकर।
इस साल हुए एशिया कप में हांगकांग के खिलाफ अपने अंतराष्ट्रीय क्रिकेट करियर का आगाज़ करने वाले खलील ने बहुत कम समय में ही सबका ध्यान अपनी और आकर्षित किया है। हालांकि एशिया कप में उन्हें सिर्फ दो ही मैच खेलने को मिले, लेकिन वेस्टइंडीज़ के खिलाफ वनडे सीरीज़ में उन्हें अपनी पूरी क्षमता दिखाने का मौका मिला।
विंडीज़ के खिलाफ पहले वनडे में खलील महँगे साबित हुए थे जिसकी वजह से उन्हें दूसरे वनडे में टीम से ड्रॉप किया गया लेकिन इसके बाद के तीनों वनडे मैचों में उन्होंने शानदार गेंदबाज़ी की।
खासकर मुंबई में हुए चौथे वनडे में खलील ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। अपने स्विंग से जिस तरह से उन्होंने मार्लोन सैमुअल्स को आउट किया, उसने सभी क्रिकेट दिग्गजों का ध्यान आकर्षित किया। इस मैच में उन्होंने 5 ओवरों में सिर्फ 13 रन देकर बेहद अहम तीन विकेट हासिल किये। आंकड़ों पर एक नज़र डालें तो अभी तक अपने वनडे करियर में खेले 6 मैचों में खलील 11 विकेट ले चुके हैं।
हालांकि सही मायनों में खलील का असली इम्तिहान भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे में होगा और राजस्थान के छोटे से कस्बे से आने वाले इस खिलाड़ी के लिए इंग्लैंड में अगले साल होने वाले विश्वकप को देखते हुए यह दौरा बेहद अहम होगा। चूँकि इंग्लैंड की पिचें तेज़ गेंदबाज़ों की मददगार साबित होती हैं ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि खलील वहां कैसी गेंदबाज़ी करते हैं।
वैसे तो भारतीय टीम में जसप्रीत बुमराह और भुवनेश्वर कुमार जैसे विश्वस्तरीय गेंदबाज़ मौजूद हैं लेकिन टीम में बाएं हाथ के एक अदद गेंदबाज़ की कमी खलील ने पूरी कर दी है। फिलहाल यह कहना तो ज़ल्दबाज़ी होगी कि क्या वह अगले ज़हीर खान साबित हो पाएंगे या नहीं? लेकिन यह युवा गेंदबाज़ अगर इसी तरह से धारदार और सटीक गेंदबाज़ी करते रहे तो निश्चित रूप से वह पहले खलील अहमद ज़रूर बन जायेंगे।