केपटाउन में हार झेलने के बाद और सीरीज़ में हार का ख़तरा लिए जब टीम इंडिया सेंचुरियन के सुपर स्पोर्ट पार्क पहुंची तो सभी के ज़ेहन में दो ही बात घूम रही थी। एक ये कि इस पिच पर गेंद कितना स्विंग होगी और दूसरी, कि क्या विराट कोहली कुछ बदलाव करेंगे ? पहली बात का जवाब तो पिच के रंग को देखकर अंदाज़ा हो गया था कि हरी की जगह भूरी पिच पर तेज़ गेंदबाज़ों की गेंदें ज़्यादा हरकत नहीं करेंगी। लेकिन टीम में इस तरह बदलाव होगा, शायद ही किसी ने सोचा होगा।
केपटाउन में सबसे ज़्यादा विकेट और सबसे ज़्यादा गेंद खेलने वाले भुवनेश्वर कुमार बाहर
सीरीज़ में लगातार दूसरे बार सिक्के की बाज़ी हारने के बाद टीम इंडिया के फ़ैन्स को उतना दुख नहीं हुआ था, जितना कोहली के फ़ैसले ने हैरान कर दिया। टॉस के समय कोहली ने बताया कि टीम में तीन बदलाव किए गए हैं, एक तो ऋद्धिमान साहा को मांसपेशियों में खिंचाव आ गया है इसलिए उनकी जगह पार्थिव पटेल को शामिल किया गया है। ये सुनकर भारतीय फ़ैन्स के चेहरे पर मुस्कान भी आ गई थी कि चलो हो सकता है टीम इंडिया के लिए ‘ब्लेसिंग इन डिसगाइज़’ बन कर आया हो। फिर कोहली ने बताया कि पिछले मैच में आउट ऑफ़ फ़ॉर्म शिखर धवन की जगह के एल राहुल को खिलाने का हमने फ़ैसला किया है। ये सुनकर भी भारतीय प्रशंसक ख़ुश हुए, लेकिन उनकी ख़ुशी बस कुछ सेकंड्स के लिए ही थी, क्योंकि कोहली ने जो तीसरा बदलाव बताया वह सभी को चकित कर गया। कोहली ने कहा कि पिच में उछाल को देखते हुए हमने इशांत शर्मा को इस पिच पर मौक़ा दिया है और इसके लिए भुवनेश्वर कुमार को बाहर बैठाया गया है। भुवनेश्वर को ड्रॉप करने की ख़बर पर एक पल के लिए तो किसी को भरोसा भी नहीं हुआ, कईयों को लगा कि शायद उनसे सुनने में ग़लती हुई होगी क्योंकि जिस गेंदबाज़ ने केपटाउन टेस्ट में 6 विकेट (पहली पारी में 4, दूसरी पारी में 2) लिया हो और बल्लेबाज़ के तौर पर जिसने पहले टेस्ट में सबसे ज़्यादा 127 गेंदें खेली हों (पहली पारी में 86, दूसरी पारी में 41), जो केपटाउन टेस्ट में सिर्फ़ एक बार आउट होने वाला (25 और 13*) इकलौता भारतीय बल्लेबाज़ हो वह कैसे प्लेइंग-XI से बाहर हो सकता है। लेकिन ये सच था, भुवनेश्वर कुमार को सेंचुरियन टेस्ट से सिर्फ़ इसलिए बाहर रखा गया क्योंकि कोहली को लगा कि वह इस पिच पर केपटाउन जैसा कमाल नहीं कर पाएंगे, इसका तर्क उन्होंने पिच पर घास का न होना और अधिक उछाल होना बताया। कोहली के मुताबिक़ इस पिच से इशांत शर्मा ज़्यादा उछाल हासिल कर सकते हैं, इस फ़ैसले की पूरी दुनिया में आलोचना शुरू हो गई, क्रिकेट फ़ैंस से लेकर क्रिकेट पंडित तक हैरान थे। सोशल मीडिया में सेंचुरियन टेस्ट में क्या हो रहा है, कितने रन बन रहे हैं इससे ज़्यादा इस बात की चर्चा चल रही थी कि भुवी कैसे ड्रॉप हो सकते हैं।
रविचंद्रन अश्विन का नया अवतार, दक्षिण अफ़्रीकी सरज़मीं पर रचा इतिहास
भुवनेश्वर कुमार की ग़ैरमौजूदगी का असर पहले सत्र में टीम इंडिया पर साफ़ तौर पर पड़ा, पिछले टेस्ट में जहां भुवनेश्वर कुमार ने शुरुआत में ही प्रोटियाज़ के 3 विकेट 12 रनों पर गिरा दिए थे। वहीं सेंचुरियन में पहले दो घंटे भारत को कोई सफलता नहीं मिली और लंच तक दक्षिण अफ़्रीका ने बिना किसी नुक़सान के 78 रन बना लिए थे और मैच भारत से काफ़ी दूर ले जाने के फ़िराक़ में थे। तेज़ गेंदबाज़ों को कोई मदद न मिलता देख कोहली के माथे पर शिकन झलक रही थी, लिहाज़ा उन्होंने अब आर अश्विन पर भरोसा किया। हालांकि, SENA यानी साउथ अफ़्रीका, इंग्लैंड, न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में आर अश्विन का प्रदर्शन अब तक बेहद निराशाजनक रहा था। इस टेस्ट से पहले अश्विन ने इन देशों में 10 मैचों में क़रीब 52 की गेंदबाज़ी औसत से 26 विकेट हासिल किए थे, और कभी भी उन्होंने पारी में 5 विकेट नहीं लिए। लेकिन सेंचुरियन में एक अलग ही अश्विन नज़र आए, लंच के ठीक बाद उन्होंने पहले डीन एल्गर (31) को सिली प्वाइंट पर कैच आउट कराया फिर एडेन मार्करम (94) को भी शतक से वंचित कर दिया। दूसरे सत्र में प्रोटियाज़ के दो ही विकेट गिरे और ये दोनों सफलता अश्विन ने दिलाई। आख़िरी सत्र में भी अश्विन का जलवा क़ायम रहा और उन्होंने विस्फोटक बल्लेबाज़ क्विंटन डी कॉक को पहली ही गेंद पर बिना खाता खोले पैवेलियन की राह दिखाते हुए दक्षिण अफ़्रीकी सरज़मीं पर अपना सर्वश्रेष्ठ और SENA देशों में चौथा बेहतरीन प्रदर्शन किया। इतना ही नहीं एशिया के बाहर किसी भी भारतीय स्पिनर द्वारा पहले टेस्ट के पहले दिन सबसे ज़्यादा ओवर डालने का रिकॉर्ड अश्विन ने अपने नाम कर लिया। इससे पहले दक्षिण अफ़्रीका में ही 2001 में पोर्ट एलिज़बेथ टेस्ट के दौरान पहले दिन हरभजन सिंह ने सबसे ज़्यादा 30 ओवर की गेंदबाज़ी की थी। जबकि सेंचुरियन टेस्ट के पहले दिन अश्विन ने 31 ओवर फेंके, ये संभवत: दक्षिण अफ़्रीकी सरज़मीं पर किसी भी स्पिनर का पहले दिन का नया रिकॉर्ड है। ज़ाहिर है सुपर स्पोर्ट पार्क पर चल रहे इस टेस्ट मैच में अभी 4 दिनों का खेल बाक़ी है और सीरीज़ में 0-1 से पीछे चल रही टीम इंडिया जी जान लगाती हुई नज़र आएगी। लेकिन भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के ज़ेहन में सेंचुरियन टेस्ट की यादें जिन दो वजहों से हमेशा रहेंगी वह है अश्विन का ये शानदार अवतार और विराट कोहली का भुवनेश्वर कुमार को बाहर बैठाने का हैरानी भरा फ़ैसला।