आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में युवराज सिंह 11 साल बाद वापसी कर रहे हैं और उनका कहना है कि वह भारतीय टीम के लिए इस टूर्नामेंट में अहम योगदान देना चाहेंगे। आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी की शुरूआत 1 जून से इंग्लैंड में होनी है। युवराज ने कहा कि मैं खुश हूँ कि मैंने भारतीय टीम के लिए सीमित ओवरों के मैच में अपनी वापसी की है और मै चाहूँगा कि भारत को चैंपियंस ट्रॉफी का ख़िताब बचाने में अपना योगदान दूँ। भारत के लिए वनडे मैचों में वापसी करने वाले युवराज ने आगे कहा कि भारत टूर्नामेंट के कठिन ग्रुप में है। हमारी टीम ने पिछले मैचों से शानदार प्रदर्शन किया है। सभी खिलाड़ियों ने घरेलू और आईपीएल में अपनी प्रतिभा को दर्शाया है और हम इसी प्रदर्शन के साथ चैंपियंस ट्रॉफी के खिताब के लिए जाएंगे। साथ ही लगातार दूसरी बार खिताब को अपने नाम करेंगे। आपकों बता दें कि युवराज ने पहली बार चैंपियंस ट्रॉफी 2000 में अपना पहला मैच केन्या के खिलाफ खेला था। ये मैच युवराज का डेब्यू भी था। उसके बाद उन्होंने लगातार 4 चैंपियंस ट्रॉफी में भारत के लिए शिरकत की थी। चैंपियंस ट्रॉफी में युवराज का प्रदर्शन औसत रहा है। हालांकि युवराज का अनुभव टीम के लिए काफी फायदेमंद रहेगा। युवराज ने 2009 और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी नहीं खेला था। भारतीय टीम इंडियन प्रीमियर लीग के खत्म होने के बाद 24 मई को इंग्लैंड के लिए रवाना हो जाएगी। भारत का पहला मैच पाकिस्तान के खिलाफ 4 जून को होगा। उसके बाद 8 जून को श्रीलंका और 11 जून को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टीम मैदान में उतरेगी। विराट कोहली टीम के कप्तान होंगे। उपकप्तान के लिए अभी किसी भी ख़िलाड़ी को नियुक्त नहीं किया गया है। युवराज सिंह ने भारत के लिए 2007 टी20 वर्ल्ड कप और 2011 वर्ल्ड कप में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। अब भारतीय क्रिकेट प्रमियों को फिर से युवराज से उम्मीद होगी कि वो भारत के लिए इस टूर्नामेंट में भी उम्दा प्रदर्शन करेंगे।