नंबर-3 पर बल्लेबाजी के लिए पुजारा ही परफेक्ट

इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की शृंखला से पहले एसेक्स के खिलाफ अभ्यास मैच में भारत के दिग्गज बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा और शिखर धवन का फेल होना टीम के लिए चिंता का सबब बन गया है। तीन दिन के अभ्यास मैच की दोनों पारियों में इन बल्लेबाजों ने निराश किया। मध्यक्रम में बल्लेबाजों के खराब प्रदर्शन से जूझ रही टीम इंडिया को अब अंतिम एकादश चयन के दौरान शुरुआती क्रम को भी ध्यान में रखना होगा। हालांकि एक मैच से किसी की बल्लेबाजी और फॉर्म को आंकना सही नहीं है लेकिन, सवाल यह भी है कि अगला मैच उनके लिए काफी महत्त्वपूर्ण है। वहां दबाव भी होगा और एंडरसन जैसे गेंदबाज भी। धवन दोनों पारियों में खाता खोले बिना ही पवेलियन लौट गए तो वहीं पुजारा भी कुछ खास नहीं कर सके। इन दोनों के इस प्रदर्शन के बाद जब कप्तान अंतिम एकादश के चयन के लिए बैठेंगे तो उनके सामने सलामी जोड़ी तलाशने के साथ ही पुजारा को लेकर जद्दोजहद की स्थिति होगी। नंबर तीन पर बल्लेबाजी करते हुए घरेलू मैचों में 63.7 की औसत से रन बटोरने वाले पुजारा के लिए कप्तान को यही जगह माकूल लगे। दरअसल, चेतेश्वर पुजारा भारतीय टैस्ट टीम के अहम सदस्य हैं। भारतीय कप्तान विराट कोहली इंग्लैंड के सामने पहले मैच में मजबूत टीम के साथ उतरना चाहेंगे। वे किसी भी हाल में हार या खराब प्रदर्शन से आगे के टेस्ट मैचों में खुद को मानसिक दबाव में नहीं लाना चाहेंगे। इस अभ्यास मैच के दौरान मुरली विजय और लोकेश राहुल ने अच्छी बल्लेबाजी की है। वहीं विराट ने भी बल्ले से आकर्षक शॉट लगाए हैं। इससे यह तो लगने लगा है कि पारी की शुरुआत के लिए मुरली के साथ लोकेश राहुल ही टीम की पहली पसंद होंगे। लेकिन इससे धवन की काबलियत को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अगर कप्तान सलामी जोड़ी खोज भी लेते हैं तो पुजारा को फिट करना भी एक अहम मुद्दा है। उन्हें नंबर तीन पर बल्लेबाजी के लिए उतारा जा सकता है। यह सभी को पता है कि किसी भी टीम के लिए नंबर तीन पर बल्लेबाजी करना कितना अहम होता है। यहां बल्लेबाज को सिर्फ अपनी बल्लेबाजी से ही नहीं मानसिक मजबूती से भी विरोधी को पस्त करना होता है। पुजारा वैसे तो इस काम में काफी माहिर हैं लेकिन बीते कुछ समय से वह भारत के बाहर कामयाब नहीं रहे हैं। घरेलू पिच पर गेंदबाजों को छकाने वाले पुजारा इंग्लैंड की धरती पर जूझते नजर आ रहे हैं। आंकड़े भी इसी ओर इशारा कर रहे हैं। दरअसल, 2014 में इंग्लैंड में खेले पांच टेस्ट मैचों में पुजारा ने महज 22.2 की औसत से 222 रन बनाए। इसमें सिर्फ एक अर्धशतक शामिल है। वहीं 2018 में भारतीय टीम के इंग्लैंड दौरे से पहले काउंटी मैच के सहारे प्रदर्शन सुधार की कोशिश में लगे पुजारा को निराशा हाथ लगी। उन्होंने यार्कशर के लिए खेले छह मैचों में 14.33 की औसत से 143 रन बनाए। हालांकि इसके बाद भी टीम के पास इनसे बेहतर नंबर तीन बल्लेबाज नहीं है। अपनी काबलियत की बदौलत वे इसके प्रबल दावेदार हैं। उन्हें जानने वाले इस बात से भली भांति वाकिफ होंगे कि पुजारा को लय में आने के लिए कुछ देर पिच पर बिताना होता है। उनकी धीमी बल्लेबाजी को कई बार टारगेट किया गया लेकिन ज्यादातर समय यह टीम के लिए लाभदायक ही रहा।

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