साउथ अफ्रीकी ऑलराउंडर ने अपनी सफलता का श्रेय ज़हीर खान को दिया

ईएसपीएन क्रिकेट इन्फो की रिपोर्ट के मुताबिक साउथ अफ्रीका के ऑल राउंडर क्रिस मॉरिस ने वनडे क्रिकेट में अपने अच्छे प्रदर्शन और गेंदबाजी में सुधार के लिए आईपीएल और दिल्ली डेयरडेविल्स के कप्तान ज़हीर खान को सारा श्रेय दिया हैं। इस साल के आईपीएल में शानदार प्रदर्शन करने वाले मॉरिस ने, वेस्ट इंडीज में चल रही ऑस्ट्रेलिया और वेस्ट इंडीज के खिलाफ चल रही ट्राई सीरीज़ में अब तक सिर्फ 3.43 की इकोनॉमी से रन दिये हैं। अपनी गेंदबाजी में आए बदलाव को लेकर मॉरिस ने कहा, "वर्ल्ड टी-20 से पहले मुझे मेरे एक्शन में कुछ कमी नज़र आ रही थी, जिस कारण मेरी ज़्यादातर गेंदे लेग स्टंप के बाहर जा रही थी। मैंने उसी के लेकर थोड़ा अपनी तकनीक में बदलाव किया हैं।" उन्होंने आगे जोड़ते हुए कहा, "मैंने आईपीएल में ज़हीर को गेंद करते देखा और इस चीज पर ध्यान दिया कि उनका दिमाग कैसा चल रहा हैं, गेंद करते हुए। मैंने अपने आप को शांत किया और ध्यान दिया कि मुझे गेंद के साथ क्या करना हैं। मैंने बस उसी पर काम किया हैं।" हाल ही में खत्म हुए आईपीएल में, मॉरिस उन दो गेंदबाजों में शामिल थे जिन्होंने 7 से कम की इकोनॉमी से रन दिए हो। मोरिस को मासपेशियों में खिचाव के कारण, साउथ अफ्रीका के लिए दो मुकाबलों तक टीम से बाहर बैठना पड़ा, लेकिन उन्होने वापसी करते हुए चौथे मुक़ाबले में शानदार प्रदर्शन किया। नंबर तीन पर बल्लेबाज़ी को लेकर उन्होने कहा कि उनका पहला काम गेंद के सतह अच्छा करना हो और अगर जरूरत पड़े तो वो बल्ले के साथ भी टीम को योगदान दे सकते हैं। "मैं टीम का फ़र्स्ट चेंज गेंदबाज हूँ और यहीं मेरा रोल है टीम में। मुझे पता है कि मुझे क्या करना हैं। मुझे इस रोल को निभाने में बहुत खुशी मिलती हैं और यह काफी मुश्किल काम भी हैं, लेकिन मुझे यह पसंद हैं, इसलिए मैं इसे पूरा करता हूँ।" बारबाडोस की विकेट हमेशा ही तेज़ गेंदबाजों को मदद देती हैं। साउथ अफ्रीकी ऑल राउंडर रॉबिन पीटरसन जोकि सीपीएल में बारबाडोस ट्राइडेंट्स के लिए खेलते हैं और वो बारबाडोस को वेस्ट इंडीज का वोंडरर्स भी कहते हैं। मॉरिस को यह पता हैं कि उनका रोल यहाँ पर काफी अहम हो जाता हैं। उन्होने जोड़ते हुए कहा, "आप जितनी जल्दी इन हालत में ढल जाओ, आपके लिए उतना ही अच्छा हैं, क्योंकि आप जितना जल्दी खुद को ढालोगे। आपके अच्छा करने का मौका उतना ही बढ़ जाता हैं।" लेखक- श्रीधर, अनुवादक- मयंक महता

Edited by Staff Editor