मोंगिया ने इस सीरिज में 5 मैचों में 20 के औसत से 104 रन बनाये थे। हालाँकि फाइनल में वह सचिन के साथ 89 रन की साझेदारी में शामिल थे। गांगुली के जल्दी आउट होने के बाद मोंगिया ने मोर्चा संभाला था। साल 2000 में मैच फिक्सिंग विवाद में मोंगिया का नाम भी आया था। साल 2004 में मोंगिया ने 44 टेस्ट व 140 वनडे मैच खेलने के बाद क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। वह थाईलैंड की राष्ट्रीय व अंडर-19 टीम के कोच भी रहे हैं। उसके बाद वह टीवी चैनलों पर क्रिकेट एक्सपर्ट की भूमिका में भी नजर आये हैं। मोहम्मद अजहरुद्दीन सन 1997/98 में हुए कोकाकोला कप में अजहर भारतीय टीम के कप्तान थे। सचिन के साहस में अजहर का भी योगदान रहा था। अज़हर तीन विश्वकप में भारत की कप्तानी कर चुके हैं। लेकिन इसके बावजूद वह सबसे ज्यादा मैच फिक्सिंग के लिए याद किये जाते हैं। हालाँकि मैच फिक्सिंग कांड में हैन्सी क्रोनिये, हर्शल गिब्स, अजय जडेजा के अलावा कई अन्य खिलाड़ी शामिल थे। लेकिन वह अब दोषमुक्त करार दे दिए गये हैं। संन्यास के बाद अजहर ने राजनीति में कदम रखा जहाँ वह सांसद चुने गए। लेकिन 2014 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा उनके जीवन पर आधारित 2016 में अजहर फिल्म भी आ चुकी है।