5 मौक़े जब टीमों ने हारी हुई बाज़ी में की वापसी और बनाया इतिहास

#1 वीवीएस लक्ष्मण (281) और राहुल द्रविड़ (180) की साझेदारी

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नंबर 1 पर एक साझेदारी आती है, जिसे भारतीय क्रिकेट में वाटरशेड मोमेंट के रूप में जाना जाता है। दरअसल भारत के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले टेस्ट मैच के रूप में मुंबई में ऑस्ट्रेलिया 16 मैचों में जीत दर्ज करने के बाद खेलने उतरी थी। पहले टेस्ट मैच में भारत शुरुआती तीन दिन में ही ऑस्ट्रेलिया के आगे घुटने टेक चुका था। मुंबई में पहले टेस्ट को तीन दिनों में हारने के बाद इडन गार्डन्स में दूसरा टेस्ट मुकाबला खेला गया। दूसरे मैच में भी भारत का हाल शुरुआती दिनों में काफी खराब रहा और ऑस्ट्रेलिया के 445 रनों के जवाब में 171 रन ही बना पाया। इसके बाद टीम को फॉलो ऑन का सामना करना पड़ा। पहली पारी में वीवीएस लक्ष्मण ने नंबर 6 पर बल्लेबाजी की थी और वॉर्न के आगे सिर्फ लक्ष्मण की रन स्कोर कर रहे थे। पहली पारी में वीवीएस लक्ष्मण ने 50 रनों की पारी खेली थी। इसके कारण ही दूसरी पारी में लक्ष्मण को नंबर तीन पर बल्लेबाजी करने के लिए उतारा गया। दूसरी पारी में भारत ने सलामी बल्लेबाज दास और रमेश की बदौलत 50 रन स्कोर किए। ऑस्ट्रेलिया मैच में पकड़ बनाने के लिए लगातार अपनी गेंदबाजी में बदलाव कर रहा था और तीसरे दिन के आखिर में सौरव गांगुली भी अपना विकेट गंवा बैठे थे। हालांकि जब सौरव गांगुली आउट हुए तो भारत का स्कोर 232 रन था। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान वॉ को अंदाजा था कि वो जीत से महज कुछ विकेट ही दूर हैं लेकिन वो गलत थे। विकेट पर लक्ष्मण और द्रविड़ ने शानदार साझेदारी को अंजाम दिया और ऑस्ट्रेलिया गेंदबाजों को परेशान करके रख दिया। इस पारी में दोनों बल्लेबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया। लक्ष्मण (281) और राहुल द्रविड़ (180) की जोड़ी ने चौथे दिन सधी हुई बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम को मुश्किल में डाल दिया। ये साझेदारी शानदार साझेदारियों में से एक है, जो यह दिखाती है कि मुश्किल वक्त में भी सही फैसले से हार को टाला जा सकता है। दोनों ही बल्लेबाजों ने गुणवत्ता से भरपूर बल्लेबाजी दिखाई और विपक्षी टीम को भी प्रशंसा करने पर मजबूर कर दिया। इसके साथ ही लक्ष्मण ने भारतीय बल्लेबाज के सबसे ज्यादा व्यक्तिगत स्कोर के सुनील गावस्कर (236) के रिकॉर्ड को भी पार कर लिया और आखिर में उन्होंने 281 रन बनाए और खेल के पांचवे दिन आउट हो गए। इसके साथ ही भारत ने ऑस्ट्रेलिया के सामने जीत के लिए 373 रनों का एक असंभव लक्ष्य निर्धारित किया। इसके बाद मैदान पर भारतीय गेंदबाजों ने कमाल कर दिखाया और आखिरी दिन ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम को ही 212 रनों पर समेट कर रख दिया। भारतीय टीम ने न केवल फॉलो ऑन का जवाब दिया बल्कि मैच को 171 रनों से जीतने में कामयाबी हासिल की। इसके बाद भारत ने ऑस्ट्रेलियाई के खिलाफ चेन्नई में खेले गए तीसरे और आखिरी टेस्ट मैच में भी जीत हासिल की और टेस्ट सीरीज को 2-1 से अपने नाम कर लिया। लेखक: यश मित्तल अनुवादक: हिमांशु कोठारी

Edited by Staff Editor
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