श्रीलंकन टीम ने लॉर्ड्स के एतिहासिक मैदान पर एक नए विवाद को जन्म दिया, जब अंपायर रोड टकर के एक फैसले के विरोध में लॉर्ड्स की बालकनी पर मैच के चौथे दिन अपने देश का झंडा लहराया। मैच के चौथे दिन बारिश के कारण काफी कम एक्शन देखने को मिला, लेकिन श्रीलंका टीम अपने इस बड़े फैसले को लेकर वो काफी चर्चा में रही। श्रीलंका के तेज़ गेंदबाज नुवान प्रदीप, जिन्होंने अपने इनस्विंगर्स से मैच के तीसरे दिन इंग्लैंड के बल्लेबाजों को काफी परेशान किया। उन्होंने अपनी इनस्विंग से एलेक्स हेल्स का विकेट हासिल भी कर लिया था, लेकिन अंपायर रोड टकर ने उस गेंद को नो बॉल करार दी। उस फैसले के बाद जब रिप्ले देखा गया तो साफ नज़र आ रहा था कि उनका पैर लाइन के थोड़ा सा अंदर है और अंपायर का यह फैसला गलत हैं। हेल्स उस समय 56 रन पर खेल रहे थे, उन्होने उसके बाद 38 रन और जोड़े और 94 रन बनाकर आउट हुए। अगर वो फैसला अंपायर सही देते तो, मैच का रुख श्रीलंका की तरफ मुड़ सकता था, क्योंकि उस समय इंग्लैंड की लीड सिर्फ 260 रनों की ही थी और हेल्स अगर उस वक़्त पर आउट हो जाते तो इंग्लैंड टीम की टेल को सस्ते में आउट कर सकते थे। लेकिन टकर के उस खराब निर्णय की वजह से इंग्लैंड की टीम ने श्रीलंका के सामने 362 रनों का मुश्किल लक्ष्य रखा। श्रीलंका की टीम 3 मैचों की सीरीज़ 2-0 से हार चुकी हैं और वो यह मुक़ाबला जीतना चाहेंगी। श्रीलंका टीम मैनेजमेंट ने अपना गुस्सा, टीम की बालकनी से विरोध में झण्डा लहराया। हालांकि उसके बाद उस झंडे को वहां से हटा लिया गया। टीम के कोच ग्राहम फोर्ड ने उसके बाद उनके विरोध का कारण बताया। उन्होने कहा, "उस हादसे से पहले टीम काफी अच्छा कर रही थी, लड़के अपनी पूरी जान लगा रहे थे, लेकिन कुछ चीजें हमारे खिलाफ गई। हम सिर्फ झंडा दिखाके, टीम को अपना समर्थन दिखा रहे थे और उनका आतंविश्वास बढ़ाने की कोशिश की, हमारी तरफ से यहीं सोच थी। बाद में हमे पता लगा कि यह गलत हैं, तो हमने झंडा हटा दिया। इसमे कोई दिक्कत की बात तो थी ही नहीं"। एसएलसी प्रेसिडेंट थिलंगा सुमाथिपला ने कहा हम आईसीसी को रोड टकर के डिसिजन की शिकायत करेंगे, क्योंकि उनका फैसला पूरी तरह से समझ से परे था। उन्होने कहा "टीम मैनेजमेंट इस फैसले से काफी नाखुश थे और आईसीसी को इसकी शिकायत होंगी। झंडे के बारे में उन्होने कहा "यह हमारा तरीका था अपना विरोध दर्ज करने का और यह बताने का कि हम इस फैसले से बिलकुल खुश नहीं हैं"। जब पिछली बार श्रीलंका ने इंग्लैंड का दौरा किया था, तब भी वो सीरीज़ विवादो में घिरा रहा था। उस समय 5वे वनडे में जोकि बर्मिंघम में खेला गया था, उसमे ऑफ स्पिनर सचित्र सेनानाएके ने जोस बटलर को मैनकिडीड किया था। ऑस्ट्रेलियन अंपायर और श्रीलंकन खिलाड़ियों के बीच विवाद हमेशा ही रहा हैं। 1995 में ऑस्ट्रेलिया के मेलबॉर्न क्रिकेट ग्राउंड में डैरेेल हेयर ने मुथैया मुरलीधरन की गेंद को नो बॉल करार दिया था। एक और ऑस्ट्रेलियन अंपायर रॉस इमर्सन ने 1999 में मुरलीधरन की गेंद को नो बॉल करार दिया था। लेखक- अमित सिन्हा, अनुवादक- मयंक महता