भारत ने एंटीगुआ में खेले पहले टेस्ट में वेस्टइंडीज को चौथे दिन एक पारी और 92 रन से हरा दिया। यह भारत की एशिया के बाहर सबसे बड़ी जीत भी रही। कोच अनिल कुंबले ने भारत के जीत के करीब पहुंचते ही अपना कैमरा बहार निकाल लिया। कोच के रूप में अनिल कुंबले का कार्यकाल बेहद सकारात्मक अंदाज में शुरू हुआ। दोनों टीमें अब जमैका में शनिवार से शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट में फिर से आमने-सामने होंगी। जहां मेजबान टीम को सीरीज में वापसी करने के लिए अपनी योजनाओं में बदलाव करने की जरुरत होगी वहीं मेहमान टीम परिस्थिति का फायदा उठाकर अपनी बढ़त को मजबूत करना चाहेगी। एंटीगुआ टेस्ट में सबसे बड़ा चर्चा का केंद्र रहा, कोहली-कुंबले युग की भारतीय क्रिकेट में शुरुआत : #1) विजय या धवन अगर चोटिल हुए तो ही राहुल को मिलेगा मौका शिखर धवन ने पहली पारी में 84 रन बनाकर टीम में अपनी जगह मजबूत कर ली है। अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा भी अपनी जगह बरकरार रखने में कामयाब हुए हैं, जिसकी वजह से लोकेश राहुल और रोहित शर्मा को बेंच पर बैठना पड़ेगा। हालांकि मुरली विजय की उपलब्धता मैदान पर कम समय के लिए दिखी थी। दरअसल, बल्लेबाजी करते समय विजय के हाथ में चोट लगी थी और उनकी चोट की गंभीरता की अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है। अब अगर विजय की चोट गंभीर हुई तो ही राहुल को मौका मिलेगा। पहले टेस्ट में भारतीय तेज गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन परिस्थिति को देखते हुए रवीन्द्र जडेजा को अगले टेस्ट में मौका मिलने की उम्मीद हैं। #2) वेस्टइंडीज के टीम चयन में बड़ी खामियां भारत के खिलाफ मौजूदा टेस्ट सीरीज खेल रही वेस्टइंडीज की टीम और 2016 आईसीसी वर्ल्ड टी20 खिताबी जीतने वाली टीम में कुछ ही समानताएं हैं। जहां टेस्ट टीम के लिए क्रिस गेल, सुनील नरेन और ड्वेन ब्रावो उपलब्ध नहीं थे, लेकिन फिर भी टीम के पास काफी प्रतिभा मौजूद है। मेजबान टीम ने पहले टेस्ट में काफी गलतियां की, शेनन गेब्रियल के अच्छे प्रदर्शन के बावजूद 21 ओवर ही गेंदबाजी कराई। जेसन होल्डर और कार्लोस ब्रैथवेट की गति बहुत ही साधारण रही। चयनकर्ताओं ने विकेट लेने वाले गेंदबाजों को शामिल करने के कारण मध्यक्रम पर भी ज्यादा ध्यान नहीं दिया और एक बल्लेबाज को टीम से बहार रखा। #3) रिकॉर्ड तोड़ने वाले अश्विन ने रिकॉर्ड ब्रेकर कोहली को मैन ऑफ द मैच की दौड़ में पछाड़ा रविचंद्रन अश्विन के लिए 2016 में टी20 सत्र निराशाजनक रहा था, लेकिन टेस्ट में उन्होंने शानदार वापसी की है। उन्होंने शतक जमाकर भारत को मजबूत स्कोर तक पहुंचाया और फिर दूसरी पारी में 7 विकेट झटककर टीम को एशिया के बाहर सबसे बड़ी जीत दिलाई। अश्विन ने कोहली के साथ बड़ी साझेदारी की जबकि ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मेहमान टीम 300 रन के भीतर ऑलआउट हो जाएगी। फिर उन्होंने गेंदबाजी में शानदार प्रदर्शन करते हुए विंडीज बल्लेबाजों को ताश के पत्तों की तरह बिखेर दिया। अश्विन को उनके दोहरे प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच के पुरस्कार से नवाजा गया। उल्लेखनीय है कि अश्विन से पहले एशिया के बाहर भारतीय स्पिनर को मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला था वो कोई और नहीं बल्कि अनिल कुंबले ही थे। अब उम्मीद है कि विराट कोहली और रविचंद्रन अश्विन के बीच मैन ऑफ द मैच के लिए शानदार प्रतिस्पर्धा होगी। #4) मोहम्मद शमी की दमदार वापसी जब मोहम्मद शमी ने वेस्टइंडीज में पहले विकेट का जश्न मानना शुरू किया तो इसके लिए उन्हें एक वर्ष, 6 महीने और 13 दिन लगे। तेज गेंदबाज के चेहरे पर खुशी अलग ही चमक रही थी। पहली पारी में शमी ने गजब की गेंदबाजी करते हुए चार विकेट लिए। उनकी लाइन और लेंथ अच्छी थी जिसका वेस्टइंडीज के मध्यक्रम के बल्लेबाजों के पास कोई जवाब नहीं था। चोट के बाद शमी में एक बदलाव देखने को मिला कि उनका रनअप छोटा हो गया है, लेकिन इसकी वजह से उन्होंने ज्यादा उछाल हासिल किया। #5) कोहली की ऊर्जा, अंपायर से असहमति जताना कप्तान विराट कोहली मैच से पहले प्रेस कांफ्रेंस में कह चुके थे कि पांचवे गेंदबाज को टीम में शामिल करने के लिए बल्लेबाजों को अतिरिक्त जिम्मेदारी उठाना होगी। पहले दिन की समाप्ति तक प्रतीत हुआ कि विराट कोहली ने ही अतिरिक्त जिम्मेदारी संभालने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने टेस्ट में पहले दोहरा शतक जमाया। कोहली बल्लेबाजी के अलावा फील्डिंग के दौरान अपने खिलाड़ियों का भरपूर उत्साह बढ़ाते हुए दिखे। वह दो बार अंपायर इयान गोउल्ड से असहमति जताते दिखे। दूसरे दिन स्टंप्स से पहले कोहली ने एक ओवर करने की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन भारतीय टीम ने नजदीकी फील्डर के लिए हेलमेट बुलवाने में समय लगा दिया था। टीम इंडिया का मकसद नाईट वॉचमैन देवेन्द्र बिशु को आउट करना था। अंपायर ने वॉकी-टॉकी का इस्तेमाल करके स्टंप्स घोषित करने का फैसला किया। कोहली इस फैसले से नाराज नजर आए। तीसरे दिन मार्लोन सैमुअल्स का कैच विकेट के पीछे साहा ने पकड़ा। अंपायर ने फैसले के लिए थर्ड अंपायर का सहारा लिया। थर्ड अंपायर ने फैसला बल्लेबाजी टीम के पक्ष में सुनाया। कोहली इससे बेहद नाराज नजर आए। उन्होंने अंपायर से पहले बात की और फिर बाउंड्री के पास कोच कुंबले के साथ भी बात की। विराट के संकेतो से लग रहा था कि फैसला भारतीय टीम के पक्ष में जाना चाहिए था।